Allahabad High Court ने नोएडा के थाना फेज -2 के पुलिस अधिकारियों पर SSP गौतम बुद्ध नगर को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। पुलिस पर आरोप है कि सांसी थाना क्षेत्र के हाथरस निवासी ललित गुप्ता को 4-5 लोग रात में सादे वेश में आकर पकड़ कर ले गये और गांजा तस्करी के फर्जी केस में फंसा दिया। कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने वाले तत्कालीन SSP के खिलाफ भी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। कोर्ट ने कहा कि घर से रात में पकड़ कर केस में फंसाया गया और फिर गांजा जब्ती के अभियोजन की कहानी तैयार कर अवैध गिरफ्तारी की गई। मामले में अपर महाधिवक्ता ने भी पुलिस कार्यवाही के ड्राबैक व लूपहोल स्वीकार किए हैं। कोर्ट ने याचिकाकर्ता ललित गुप्ता को तत्काल सशर्त जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने ललित गुप्ता की याचिका पर दिया। कोर्ट में ललित गुप्ता का पक्ष अधिवक्ता श्रीकृष्ण शुक्ल ने रखा। कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों को तलब किया था और FIR दर्ज करने वाले दरोगा राम चंद्र सिंह सहित सहकर्मी पुलिस अधिकारियों पर भी विभागीय जांच करने का निर्देश दिया है।
जून के महीने में गिरफ्तारी हुई
मालूम हो कि नोएडा फेज दो के पुलिस थाना से पुलिस से सादे वेश में हाथरस गई और याचिकाकर्ता को पकड़ लायी। याचिकाकर्ता को पुलिस ने 14 जून 2021 को 29.600 किग्रा अवैध गांजा तस्करी के आरोप गिरफ्तार किया था। याचिकाकर्ता का कहना था कि उसके खिलाफ 2001 से 2017 तक हाथरस के सांसी थाने में 11 आपराधिक मामले दर्ज हैं। 2017 के बाद से उस पर कोई केस दर्ज नहीं है और अब पुलिस ने उसे फर्जी केस में फंसाया है। कोर्ट ने कहा याचिकाकर्ता अपने आचरण को सुधारने में लगा है और पुलिस ने झूठी कहानी रच कर अपराध में घसीटने की कोशिश की है जिसके लिए उनके खिलाफ ऐक्शन होना चाहिए।
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