Allahabad High Court ने पुलिस कस्टडी में जौनपुर (Jaunpur) के पुजारी यादव (Pujari Yadav) की मौत के मामले की जांच कर रही CBI को कड़ी फटकार लगाई है और हत्या के आरोपी पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी पर ठोस प्रयास न करने पर सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि CBI जांच का तरीका अधिकारी को तलब कर कड़े आदेश देने को विवश करने वाला है। फिर भी कोर्ट उन्हें सही जांच करने का एक मौका दे रही है।
कोर्ट ने कहा कि CBI आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कुर्की जब्ती आदि कार्यवाही सहित सभी कानूनी उपाय करे और स्पष्टीकरण मांगा है। कोर्ट ने 29 नवंबर को सील बंद लिफाफे में विवेचना की प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी के लिए सितंबर में वारंट जारी हुआ था
यह आदेश न्यायमूर्ति एस पी केसरवानी (S P Kesarwani) तथा न्यायमूर्ति विकास बुधवार (Vikas Budhwar) की खंडपीठ ने अजय कुमार यादव की याचिका पर दिया है। मालूम हो कि सीजेएम जौनपुर ने आरोपी पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी के लिए 6 सितंबर 2021 को गैर जमानती वारंट जारी किया था।
आरोपियों के पते पर दबिश डाली जा रही है: सीबीआई
राज्य सरकार का कहना है कि आरोपी फरार है। सीबीआई ने कहा जांच पूरी कर लें फिर गिरफ्तार करेंगे। साथ ही
सीबीआई ने कहा कि हलफनामे में आरोपी पुलिस अधिकारियों व संदिग्धों का पूरा ब्योरा दिया गया है और गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं। उनके पते पर दबिश डाली जा रही है।
कोर्ट सीबीआई के हलफनामे से असंतोष
कोर्ट ने सीबीआई के हलफनामे पर असंतोष जाहिर किया है। कोर्ट ने कहा एक तरफ जांच पूरी होने पर गिरफ्तारी करने की बात कर रहे हैं और दूसरी तरफ गिरफ्तारी के लिए दबिश डाल रहे हैं, स्थिति साफ होनी चाहिए। ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। गैर जमानती वारंट जारी किए दो माह बीत चुके हैं और आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया। अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी।