Allahabad HC: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कृषि विभागमेरठ के मृदा सर्वेक्षण अधिकारी प्रबोध कुमार को नोटिस जारी किया। सरकार सहित उनसे याचिका पर जवाब मांगा है। याचिका (Petition) की अगली सुनवाई 11 अप्रैल को होगी। ये आदेश न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी ने मृदा सर्वेक्षण अधिकारी कार्यालय मेरठ की वरिष्ठ सहायक रीता रानी की याचिका पर दिया है। आरोप है, कि अधिकारी ने कर्मचारियों का वेतन मौखिक आदेश से रोक दिया था।
Allahabad HC: याचिका पर बहस की
याचिका पर वकील ऋषि श्रीवास्तव ने बहस की। इनका कहना है, कि विपक्षी अधिकारी प्रबोध कुमार ने 6 जून 21 को याची सहित 7 कर्मचारियों का वेतन मौखिक आदेश से रोक दिया। फरवरी 21 में याची को छोड़कर शेष 6 कर्मचारियों का वेतन भुगतान कर दिया गया। याची ने मृदा सर्वेक्षण अधिकारी पर मनमाने तरीके से भेदपूर्ण कार्य करने, पिक एंड चूज पॉलिसी कर कार्य करने का आरोप लगाया।
इससे पहले याची ने राज्य महिला आयोग को शिकायत की थी। आयोग ने रिपोर्ट मांगी तो खुद ही जांच अधिकारी बनकर रिपोर्ट भेज दी। जिसमें याची के सीनियर अधिकारी के खिलाफ शिकायत करने की निंदा की गई और काम में सुधार न करने पर वेतन भुगतान रोक दिया।
Allahabad HC: महिला जज को अपशब्द कहने वाले वकील ने मांगी माफी, HC ने 2 हजार रुपये का जुर्माना लगाकर छोड़ा
वकील की ओर से महिला जज को अपमानजनक शब्द कहने के मामले की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट में हुई। कोर्ट ने आरोपी वकील कृष्ण कुमार यादव के खिलाफ 2 हजार रुपये के जुर्माने के साथ कार्यवाही समाप्त कर दी।
ये आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार तथा न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान की खंडपीठ ने दिया। जुर्माना राशि आरोपी को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मऊ में जमा करवानी होगी।वकील के आचरण और व्यवहार को 2 साल निगरानी में रखा जाएगा।
जानकारी के अनुसार मऊ में मार्च 2019 को फैमिली कोर्ट की अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश आराधना रानी के साथ आरोपी वकील कृष्ण कुमार यादव ने गलत व्यवहार किया था।बहस के दौरान अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया था। कोर्ट ने कहा, कि वकील ने अदालत का अपमान किया और अदालत के अधिकार को कम करने की कोशिश की है। न्यायिक कार्यवाही में भी बाधा डाली गई और हस्तक्षेप किया है,जोकि सीधे तौर पर कोर्ट की अवमानना के साथ दंडनीय है।
Allahabad HC: वकील ने कार्यवाही को नकारा
वकील को बचाव प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था, शुरू में, उन्होंने घटना के आरोपों और तथ्य को नकारा और कार्यवाही पर प्रारंभिक आपत्ति उठाते हुए हलफनामा दायर किया। हालांकि यह भी कहा कि महिला न्यायाधीश से बिना शर्त माफी भी मांगी थी। बाद में हाईकोर्ट में दाखिल आपत्ति हलफनामा वापस लेते हुए फिर से बिना शर्त माफी मांगी। कहा कि, वह मऊ के जिला न्यायालय में पिछले 31 वर्षों से कार्यरत हैं। इसलिए, उनकी बिना शर्त माफी को स्वीकार किया जाए।
हाथ जोड़कर दया की गुहार
उन्होंने हाथ जोड़कर कोर्ट से दया की गुहार लगाई और अदालत को भविष्य में अच्छे और उचित आचरण करने का आश्वासन भी दिया। कोर्ट ने शुरू में कहा कि उनका आचरण एक एडवोकेट के लिए अशोभनीय है। विशेष रूप से तब, जब वह बार के पूर्व अध्यक्ष थे और 3 दशक से यहां प्रैक्टिस कर रहे हैं।
अदालत ने आगे कहा, “बार के एक वरिष्ठ सदस्य से यह उम्मीद नहीं की जाती, कि वह अदालत में अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करें, जो न्यायिक अनुशासन के खिलाफ है।हालांकि कोर्ट ने कहा कि एक महीने के भीतर जुर्माना जमा नहीं करने पर उसे 6 महीने की अवधि के लिए कोर्ट परिसर (Court Campus) में प्रवेश करने और किसी भी मामले में पेश होने से रोक दिया जाएगा।
Allahabad HC: मोहम्मद अशरफ की जमानत अर्जी की सुनवाई टली
इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता ने बाहुबली अतीक अहमद के भाई मोहम्मद अशरफ उर्फ खालिद अजीम की जमानत अर्जी की सुनवाई से स्वयं को अलग कर लिया है। ऐसे में सुनवाई टल गई है।
कोर्ट ने अन्य पीठ नामित करने के लिए पत्रावली मुख्य न्यायाधीश को भेजा दी है। अर्जी की सुनवाई की तिथि 23 मार्च तय की गई है।
अशरफ के खिलाफ शहर पश्चिमी के बसपा विधायक राजू पाल की हत्या सहित दर्जनों आपराधिक मामले चल रहे हैं। जिसके तहत उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। इसी में से एक मामले में जमानत अर्जी दाखिल की गई है।
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