दिल्ली हाइकोर्ट ने एक सख्त कदम उठाते हुए निचली अदालत के 2 जजों को निलंबित किया है। जिनमे एक एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज जितेंद्र मिश्रा (MACT) जबकि दूसरे नवीन अरोरा (स्पेशल जज,इलेक्ट्रीसिटी) हैं। यह दोनों जज दिल्ली की द्वारका कोर्ट में कार्यरत हैं। हाईकोर्ट ने दोनों जजों को भ्रष्टाचार के आरोपों में निलंबित किया है। दोनों जज मामले की जांच पूरी होने तक सस्पेंड रहेंगे।

भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद इनके खिलाफ जो सबूत थे वह दिल्ली हाईकोर्ट को सौंपे गए थे जिसके आधार पर उच्च न्यायालय ने फैसला लिया और दोनों को निलंबित कर दिया। सबूतों के तौर पर कुछ ऑडियो क्लिप हाईकोर्ट को सौपी गई थी जिसमें इन जजों की बातचीत रिकॉर्ड है। इस रिकार्डिंग में कहा जा रहा है कि यह जज एक पक्ष से मामले पर बातचीत कर रहे हैं और उसके मुताबिक फैसला देने के लिए लेन-देन पर चर्चा कर रहे हैं।

मामले में एक जज पर आरोप है कि वह आरोपियों के पैसे से विदेश घूमने गए। जबकि दूसरे जज पर आरोप भी पैसे लाने का आरोप है उन्होंने केस को रफा-दफा करने के लिए आरोपियों से पैसे लिए। दोनों जजों ने आर्थिक लाभ लेने के लिए आरोपियों का पक्ष लिया।

मामले में दोनों जज दिल्ली हाईकोर्ट में पेश हुए और हाईकोर्ट ने दोनों के खिलाफ पेश किए गए सबूतों पर गंभीरता से विचार करने के बाद दोनों को निलंबित करने का फैसला किया।

निचली अदालतों के काम काज और वहां के जजों पर कई बार कई तरह के आरोप लगते रहे हैं। ऐसे में दिल्ली हाईकोर्ट के इस सख्त फैसले से नीचे तक एक कड़ा संदेश जाएगा कि भ्रष्टाचार के मामले में किसी को बख्शा नहीं जाएगा और शिकायत आने पर कार्रवाई होगी।

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