लव जिहाद कानून पर बवाल के बीच उत्तरप्रदेश सरकार ने इस पर अध्यादेश पास कर दिया है। मंगलवार को कैबिनेट बैठक में अध्यादेश को पास किया है। अध्यादेश के अनुसार धोखे से धर्म परिवर्तन कराने को लेकर 10 साल तक की सजा होगी। साथ ही धर्म परिवर्तन के लिए जिलाधिकारी को दो महीने पहले जानकारी देनी होगी।

अध्यादेश में धर्म परिवर्तन के इच्छुक होने पर विहित प्रारुप पर जिलाधिकारी को 2 महीने पहले सूचना देनी होगी, इसका उल्लंघन किए जाने पर 6 महीने से 3 साल तक की सजा और जुर्माने की राशि 10 हजार रुपये से कम की नहीं होने का प्रावधान है।

लव जिहाद पर बढ़ते मामलों को देखते हुए जल्द ही उत्तरप्रदेश सरकार ने इस पर कानून बनाने की घोषणा की थी। लव जिहाद केस में कई लोग लालच में आकर, दाबव में आकर धर्म बदल लेते हैं। वहीं इस कांड में शादी का झांसा अधिक दिया जाता है।

इस अध्यादेश पर विस्तार में बात करते हुए  यूपी कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि अध्यादेश में धर्म परिवर्तन के लिए 15,000 रुपये के जुर्माने के साथ 1-5 साल की जेल की सजा का प्रावधान है। अगर SC-ST समुदाय की नाबालिगों और महिलाओं के साथ ऐसा होता है तो 25,000 रुपये के जुर्माने के साथ 3-10 साल की जेल होगी।

सिद्धार्थनाथ सिंह आगे कहते हैं, यूपी कैबिनेट उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 लेकर आई है, जो उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था सामान्य रखने के लिए और महिलाओं को इंसाफ दिलाने के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि बीते दिनों में 100 से ज्यादा घटनाएं सामने आई थीं, जिनमें जबरन धर्म परिवर्तित किया जा रहा है।इसके अंदर छल-कपट, बल से धर्म परिवर्तित किया जा रहा है।

लव जिहाद पर अध्यादेश पास करने के बाद ट्विटर पर योगी सरकार की जम कर प्रशंसा हो रही है। ट्विटर पर योगी है तो यकीन है हैशटैग, ट्रेंड कर रहा है। इसमें यूजर लव जिहाद को स्वाहा कर रहे हैं।

लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की बात सबसे पहले सीएम योगी ने यूपी के देवरिया में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कही थी। उन्होंने कहा था कि जैसा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने एक फैसले में साफ कहा है कि महज शादी करने के लिए किया गया धर्म परिवर्तन अवैध होगा।

मध्यप्रदेश सरकार ने भी लव जिहाद पर कानून बनाने की घोषणा की है। साथ ही योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने भी कानून बनाने की घोषणा की है।

वहीं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार में भी ऐसा कानून बनाने की मांग की थी, हालांकि जेडीयू ने इससे किनारा किया। शिवसेना की ओर से संजय राउत ने कहा है कि अगर बिहार में ऐसा कोई बिल आता है, तो हम उसे देखेंगे। नीतीश कुमार एक शांत स्वभाव वाले मुख्यमंत्री हैं। 

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