Lata Mangeshkar: मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में जन्मी स्वर कोकिला लता मंगेशकर का 6 फरवरी को निधन हो गया है। बता दें कि उन्हें इलाज के लिए 8 जनवरी को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके निधन से देश शोक में डूबा हुआ है। अपनी आवाज से पंडित जवाहरलाल नेहरू की आंख में आंसू लाने वाली सुरो की मलिका लता मंगेशकर का असली नाम ये नहीं है।
असल में उनके नाम से जुड़ी कहानी काफी दिलचस्प हैं। लता मंगेशकर के लाखों-करोड़ों चाहने वाले हैं। लेकिन बहुत कम ही लोग ऐसे होंगे, जिन्हें उनके नाम से जुड़ी असली कहानी पता है। लता मंगेशकर का किस्सा भी उनकी तरह रोचक था। लता मंगेशकर का असली नाम ‘हेमा’ था जिसे उनके पिता ने बदलकर लता रख दिया था। लता मंगेशकर के पिता का नाम पंडित दीनानाथ मंगेशकर था। उनके पिता मराठी थियेटर के मशहूर एक्टर और नाट्य संगीत म्युजिशियन थे।
Lata Mangeshkar का नाम क्यों बदला गया?
बता दें कि स्वर कोकिला लता मंगेशकर को संगीत की कला विरासत में मिली थी। लता जी को अपने पिता से ज्यादा माता से लगाव था। लता मंगेशकर के पिता दीनानाथ ‘भावबंधन’ नाटक में काम किया करते थे। नाटक में एक महिला कैरेक्टर का नाम ‘लतिका’ रखा गया था। नाटक में लता जी के पिता को ये नाम इतना ज्यादा पसंद आया कि उन्होंने जल्दी से अपनी बेटी ‘हेमा’ का नाम बदलकर ‘लता’ रख दिया था। तभी से पूरी दुनिया उन्हें ‘लता मंगेशकर’ के नाम से जानती हैं।
लता मंगेशकर को पहले गाने से मिले थे 25 रूपये
लता मंगेशकर ने वर्ष 1942 में ‘किटी हसाल’ के लिये अपना पहला गाना गाया था। लेकिन उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर को लता का फिल्मों के लिये गाया गाना पसंद नहीं आया और उन्होंने उस फिल्म से लता के गाये गीत को हटवा दिया था। हालांकि इसी वर्ष लता को ‘पहली मंगलगौर’ में अभिनय करने का मौका भी मिला था। लता की पहली कमाई 25 रूपये थी जो उन्हें एक कार्यक्रम में स्टेज पर गाने के दौरान मिली थी।
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