WFI New President : कई समय तक टलने के बाद भारतीय कुश्ती महासंघ का चुनाव भी आखिर हो ही गया। आज यानी 21 दिसंबर के दिन WFI के कुल 15 पदों पर चुनाव हुए। जिसमें अध्यक्ष के पद पर संजय सिंह को जीत हासिल हुई। बता दें कि अध्यक्ष के पद के लिए दो कैन्डिडेट थे, संजय सिंह और पूर्व पहलवान अनीता श्योराण। अनीता श्योराण वही पूर्व कॉमन वेल्थ गेम गोल्ड मेडलिस्ट हैं जिन्होंने बृजभूषण शरण सिंह के विरोध में आंदोलन किया था। संजय सिंह को अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ने को लेकर काफी समय से विरोध हो रहा था। अब उनके जीतने के बाद और हंगामा होने के आसार बन रहे हैं।
जीत के बाद अध्यक्ष बनते ही संजय सिंह का बयान
भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष पद पर जीत के बाद संजय सिंह ने कहा कि कुश्ती के लिए कैम्प आयोजित किए जाएंगे, जो कुश्ती करना चाहते हैं वो कुश्ती कर रहे हैं, जो राजनीति करना चाहते हैं वे राजनीति करें।
WFI New President : वहीं, संजय सिंह की जीत के बाद बृजभूषण का खेमा खुसी से फूले नहीं समा रहा है। उन्होंने जगह-जगह पर “दबदबा था और दबदबा रहेगा” के पोस्टर लहराए। इन पोस्टरों में बृजभूषण और संजय सिंह को दिखाया गया है। संजय को बृजभूषण का खास माना जाता है। आइए जानते हैं संजय सिंह, WFI और बृजभूषण शरण सिंह के रिश्ते के बारे में
कौन हैं WFI के नए अध्यक्ष संजय सिंह?
संजय सिंह उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के रहने वाले हैं। उनके गांव का नाम झांसी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, संजय सिंह के परिवार के प्रमुख यानी उनके दादा और पिता अपने जामाने में दंगल आयोजित करते थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 2008 में उनको वाराणसी जिले का कुश्ती अध्यक्ष बनाया गया था। इसके बाद जब 2009 में उन्होंने उत्तरप्रदेश कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष का पद संभाला। बता दें, तब बृजभूषण राज्य के कुश्ती संघ के अध्यक्ष बने थे।
इसके अलावा, संजय सिंह WFI में भी पद संभाल चुके हैं। साल 2019 में भारतीय कुश्ती संघ की कार्यकारी समिति में बतौर सचिव रहे थे।
पहले ही कर दिया था अपनी जीत का दावा
प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) की एक रिपोर्ट के अनुसार संजय सिंह काफी समय से दावा कर रहे थे कि अध्यक्ष पद के लिए होने वाले चुनाव में जीत उन्हीं को मिलेगी। संजय सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि,” सब जानते हैं कि किसने खेल की बेहतरी के लिए काम किया है और किसने नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है। जब वोट डाला जाएगा तो निर्वाचक मंडल के मन में ये बात रहेगी।”
बता दें कि पूर्व WFI चीफ बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन करने वाले पहलवानों से वादा किया गया था कि बृजभूषण के किसी भी परिवार जन को चुनाव लड़ने की मंजूरी नहीं दी जाएगी। जिसके चलते बृजभूषण के बेटे प्रतीक और दामाद विशाल सिंह कुश्ती संघ के चुनावों में नहीं उतरे। वहीं, बृजभूषण के खास करीबी होने के नाते संजय सिंह की एंट्री पर भी विरोध जताया गया था।
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