उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी का राज्य से सफाया हो गया है। लेकिन पूर्व सरकार के काले कारनामे समय समय पर सामने आते रहते हैं। एक बार फिर समाजवादी पार्टी पर मुख्तार अंसारी को बचाने का आरोप लगा है। उत्तर प्रदेश के पूर्व डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिख बताया है कि, मुख्तार को बचाने के लिए तत्कालीन सरकार ने मेरे ऊपर केस खत्म करने का दबाव बनाया। जिसे न मानने के फलस्वरूप मुझे डिप्टी SP पद से त्यागपत्र देना पड़ा था। साथ ही एसपी पर केस भी चल रहा था।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने पूर्व डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह के खिलाफ दर्ज मुकदमें वापस ले लिए हैं। वाराणसी के सीजेएम कोर्ट ने योगी सरकार के फैसले को मंजूरी दे दी है।

शैलेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखी अपने दर्द को बयां किया है। उन्होंने लिखा, ”2004 में जब मैंने माफिया मुख्तार अंसारी पर LMG केस में POTA लगा दिया था, तो मुख्तार को बचाने के लिए तत्कालीन सरकार ने मेरे ऊपर केस खत्म करने का दबाव बनाया। जिसे न मानने के फलस्वरूप मुझे डिप्टी SP पद से त्यागपत्र देना पड़ा था. इस घटना के कुछ महीने बाद ही तत्कालीन सरकार के इशारे पर, राजनीति से प्रेरित होकर मेरे ऊपर वाराणसी में अपराधिक मुकदमा लिखा गया और मुझे जेल में डाल दिया गया।”

उन्होंने आगे लिखा है, ”लेकिन जब मा. योगी जी की सरकार बनी तो, उक्त मुकदमे को प्राथमिकता के साथ वापस लेने का आदेश पारित किया गया, जिसे मा. CJM न्यायालय द्वारा 6 मार्च, 2021 को स्वीकृति प्रदान की गई। मा. न्यायालय के आदेश की नकल आज ही प्राप्त हुई। मैं और मेरा परिवार मा. योगी जी की इस सहृदयता का आजीवन ऋणी रहेगा। संघर्ष के दौरान मेरा साथ देने वाले सभी शुभेक्षुओं का, हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।”

बता दें कि शैलेंद्र सिंह ने 2004 में माफिया मुख्तार अंसारी पर POTA के तहत कार्रवाई की थी जिसके बाद तत्कालीन सरकार ने शैलेंद्र सिंह से इस्तीफा ले लिया था और उनके ऊपर मुकदमा दर्ज किया था।

2004 में शैलेंद्र सिंह एसटीएफ के डिप्टी एसपी हुआ करते थे तथा वाराणसी के एसटीएफ यूनिट के प्रमुख थे। छानबीन के बाद शैलेंद्र सिंह ने कई बड़े खुलासे किए थे लेकिन सपा सरकार ने उल्टा एसपी को ही दोषी साबित किया था।

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