Varun Gandhi ने अपने Twitter Bio से BJP का नाम हटा लिया है। पिछले काफी समय से भारतीय जनता पार्टी के नेता वरूण गांधी लगातार पार्टी पर ही सवाल उठा रहे हैं। किसान आंदोलन को लेकर भी उन्होंने कई बार अपनी बात रखी है। Lakhimpur Kheri में हुई घटना के बाद उन्होंने योगी आदित्यनाथ को पत्र भी लिखा है। इधर उन्होंने अपने ट्विटर बायो से बीजेपी का नाम हटा दिया है। जिसके बाद से इस बात को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है कि वो बीजेपी से नाराज हैं और कांग्रेस पार्टी के संपर्क में हैं। इससे पहले भी उन्होंने किसानों से बातचीत करने की मांग की थी।

गन्ने का रेट बढ़ाने को लेकर सीएम को लिखी थी चिट्ठी
गन्ने की दर क्या हो इस पर भी वरूण गांधी ने अपनी बात रखी थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गन्ने की दर घोषित किया था उसके बाद वरूण गांधी ने उनको पत्र लिखकर 50 रुपये प्रति क्विंटल और दिए जाने की बात कही थी। हालांकि सरकार ने उनके प्रस्ताव पर कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की थी। गांधी जयंती के मौके पर ही ट्विटर पर नाथूराम गोडसे जिंदाबाद ट्रेंड होने के बाद उन्होंने ट्विटर यूजर्स के इस रवैये की आलोचना की थी।
बीजेपी में हाशिये पर हैं वरुण
ये कयास इसलिए भी लगाए जा रहे हैं क्योंकि वरुण गांधी लंबे वक्त से बीजेपी में हाशिये पर हैं। यही नहीं पार्टी नेतृत्व की ओर से उन्हें कोई भी बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी जा रही है। मालूम हो कि एक वक्त में वरुण गांधी पश्चिम बंगाल के प्रभारी हुआ करते थे। लेकिन काफी समय से उनके पास कोई जिम्मेदारी नहीं है।
एक समय में सीएम पद के थे दावेदार
विदित हो कि 2017 यूपी विधानसभा चुनाव में वरुण गांधी का नाम मुख्यमंत्री पद के दावेदारों की दौड़ में भी चल रहा था। लेकिन योगी आदित्यनाथ को जिम्मेदारी देते हुए मोदी-शाह की जोड़ी ने पार्टी के भीतर और बाहर सबको हैरान कर दिया था।
बहन प्रियंका की कर सकते हैं मदद
वहीं, यूपी के सियासी रण में प्रियंका गांधी अकेले पड़ती नजर आ रही हैं। ऐसे में उनको उनके एक भाई का साथ भी मिल सकता है। बता दें कि वरुण, प्रियंका गांधी के चचेरे भाई हैं। सूत्रों के मुताबिक एक तर्क ये भी दिया जा रहा है कि कांग्रेस की ओर से वरुण गांधी के लिए दरवाजे खुले हैं। वहीं पार्टी भी चाहती है कि गांधी-नेहरू परिवार की विरासत को एक मंच पर लाया जाए।