माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर के लिए भारत में अब मुश्किले बढ़ गई हैं। मिली जानकारी के अनुसार आईटी एक्ट के तहत ट्विटर को जो सुरक्षा मिली हुई थी उसे हटा लिया गया है। बता दें कि, ट्विटर की ओर से 25 मई से लागू हुए आईटी नियमों का अनुपालन अब तक नहीं किया गया, जिसके बाद उसके खिलाफ यह एक्शन लिया गया है। अब ट्विटर पर भी आईपीसी के तहत मामले दर्ज किये जा सकते हैं। वहीं पुलिस भी पूछताछ कर सकती है। गौरतलब है कि ट्विटर पर भारत सरकार ने ऐसे समय पर एक्शन लिया है जब ट्विटर की ओर से 25 मई से लागू हुए आईटी नियमों का अनुपालन अब तक नहीं किया गया, जिसके बाद उसके खिलाफ यह ऐक्शन लिया गया है।
वहीं एक अधिकारी ने बताया कि 26 मई के बाद ट्विटर पर जितने भी केस दर्ज हुए हैं उसपर कोई कानूनी संरक्षण नहीं मिलेगा। संरक्षण हटने का सीधा सा मतलब है अब भारतीय कानून के अनुसार ट्विटर पर एक्शन लिया जा सकता है।
इस कदम के बाद ही ट्विटर अब अकेला ऐसा अमेरिकी प्लेटफॉर्म है जिससे आईटी एक्ट की धारा 79 के तहत मिलने वाला यह कानूनी संरक्षण वापस ले लिया गया है, जबकि गूगल, फेसबुक, यूट्यूब, वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम जैसे अन्य प्लेटफॉर्म के पास अभी भी यह सुरक्षा है।
बता दें कि, 5 जून को भारत सरकार ने ट्विटर को आखिरी मौका दिया था सफाई पेश करने के लिए ट्विटर ने नोटिस का जवाब देते हुए कहा कि नई गाइडलाइंस के अनुसार हमने देश में नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिए हैं। कोरोना काल के कारण अन्य नियमों का पालन करने में दिक्कत हो रही है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद पुलिस ने एक बुजुर्ग के साथ मारपीट और अभद्रता किए जाने का वीडियो वायरल होने के बाद 9 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी, जिनमें से एक ट्विटर इंडिया भी है। इन सभी पर घटना को गलत तरीके से सांप्रदायिक रंग देने की वजह से यह ऐक्शन लिया गया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहा है कि एक बुजुर्ग मुस्लिम को पीटा गया और उसकी दाढ़ी काट दी गई। गाजियाबाद पुलिस के मुताबिक, ट्विटर ने वीडियो को वायरल होने से रोकने के लिए कुछ नहीं किया।