पूर्वी लद्दाख सेक्टर में PP-15 से पीछे हटीं भारत और चीन की सेनाएं

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India-China Border: पूर्वी लद्दाख में PP-15 से पीछे हटी दोनों देशों की सेना, भारत का तनाव हुआ कम
India-China Border: पूर्वी लद्दाख में PP-15 से पीछे हटी दोनों देशों की सेना, भारत का तनाव हुआ कम

India-China Border: भारत और चीन की सेनाओं ने आज यानी मंगलवार को पूर्वी लद्दाख सेक्टर में पेट्रोलिंग पॉइंट-15 के पास गोगरा हाइट्स-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में अपने सैनिकों का हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। साथ ही बताया जा रहा है कि दोनों सेनाओं की ओर से इस बात की भी पुष्टि कर ली है कि कि दोनों देशों के सैनिक पीछे हट गए हैं या नहीं। लेकिन वहीं, सूत्रों के अनुसार कुछ सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि इस मुद्दे से पहले सरकार को पूर्वी लद्दाख LAC के लंबित मामले को सुलझाने के बारे में सोचना चाहिए।

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सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि NSA अजीत डोभाल के नेतृत्व में दोनों पक्षों की ओर से हुई वार्ता के कारण ही चीनी सेना को पीछे हटाना संभव हो पाया है। हालांकि, भारतीय सैनिकों को NSA की ओर से इस बात का निर्देश दिया जा चुका था कि भारतीय हितों के साथ किसी तरह का समझौता नहीं होना चाहिए। इसको ध्यान में रखते हुए मई 2020 में पूर्वी लद्दाख सेक्टर में 50, 000 से अधिक सैनिकों की तैनाती की गई थी।

India-China Border: हॉट स्प्रिंग्स-गोगरा क्षेत्र खाली होने से भारत का तनाव कम

बता दें कि पूर्वी लद्दाख सीमा पर 5 मई 2020 को पैंगोंग झील क्षेत्रों में हिंसक झड़प के बाद गतिरोध शुरू हो गया था। दोनों पक्षों ने धीरे-धीरे हजारों सैनिकों और बड़ी संख्या में हथियार भेज दिए थे। पीपी 15 और पीपी 17 ए उस क्षेत्र में स्थित हैं, जहां भारत और चीन के बीच बड़े पैमाने पर LAC अलाइनमेंट पर सहमति बनी है। सूत्रों का मानना है कि हॉट स्प्रिंग्स-गोगरा क्षेत्र से दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटने से भारत का तनाव कम हुआ है क्योंकि अब भारत को 2020 में चीन द्वारा तैयार किए गए नए फ्रिक्शन पॉइंट पर टकराव खत्म होगा।

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India-China Border: डेमचोक और देपसांग में अब भी दोनों देशों की सेनाएं

साल 2021 के अगस्त में चुशुल मोल्दो मीटिंग प्वाइंट पर भारत और चीन के कॉर्प्स कमांडर्स के बीच यह तय हुआ कि दोनों देश के सैनिक गोगरा (पीपी17ए) से हटा लिए जाएंगे। वहीं, फरवरी 2021 में भी दोनों देशों की सेनाओं ने पैंगोंग त्सो से भी अपनी सेनाएं हटा ली थी।

हालांकि, LAC पर देपसांग और चार्डिंग नाला इलाके में अब भी दोनों देशों की सेना आमने-सामने हैं लेकिन इनके बीच गतिरोध 2020 से पहले का है। अक्सर देखा गया है कि चीन की सेना देपसांग और चार्डिंग नाला इलाकों में भारत के पारंपरिक गश्ती इलाकों तक पहुंच में रुकावट डालती रहती है।

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