भारत को आजाद हुए आज 75 साल हो गए हैं। 15 अगस्त 1947 वो सुनहरा दिन था जब देश ने अंग्रेजी साशन की बेडियां तोड़ अपनी आजादी का ऐलान किया था। 1947 तक भारत पर अंगेजों का राज था। पर इतिहास बदला और पहली बार आजाद भारत के प्रधानमंत्री बने पंडित जवारलाल नेहरू..इसी तरह आजादी के बाद देश को कुल 16 प्रधानमंत्री मिल चुके हैं। वर्तमान में नरेंद्र दामोदर दास मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं। आज हम आप को यहां आजाद भारत के 16 प्रधानमंत्री के बारे में बता रहे हैं।

आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री बने थे पंडित जवाहरलाल नेहरू, साल 1947 से लेकर 1964 तक वे देश की सत्ता पर विराजमान थे। देश की आजादी में पंडित जवाहरलाल नेहरू का अहम योगदान था। नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 में हुआ था।

देश की बागडोर संभालने वाले लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) दूसरे प्रधानमंत्री बने थे, जिन्हें पंडित जवाहर लाल नेहरू के निधन के बाद देश की कमान सौंपी गई थी। 9 जून 1964 से लेकर 11 जनवरी 1966 तक लाल बहादुर शास्त्री देश के प्रधानमंत्री थे।

देश की तीसरी प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थी। वे आजाद भारत की पहली अब तक की इकलौती महिला प्रधानमंत्री हैं। शास्त्री जी के निधन के बाद 1966 में वह देश के सबसे शक्तिशाली पद ‘प्रधानमंत्री’ पर आसीन हुईं। इनका पूरा नाम इंदिरा प्रियदर्शिनी गांधी था। 1966 से लेकर 1977 तक फिर 1980 से लेकर 1984 तक प्रधानमंत्री पद पर बनी रहीँ।

1977 से 1979 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे मोरारजी देसाई के बारे में मशहूर था कि वो सख्त किस्म के गाँधीवादी और दीवानगी की हद तक ईमानदार थे। इंदिरा गांधी के बाद वे देश को संभाल रहे थे। इनके बाद फिर इंदिरा गांधी ने सत्ता संभला ली। मोरारजी देसाई देश के वित्त मंत्री और उप प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं।

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किसान मसीहा पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चौधरी चरण सिंह देश के पांचवें पीएम थे, वे 28 जुलाई 1979 से लेकर 14 जनवरी 1980 तक भारत के प्रधानमंत्री थे। चौधरी का जंग ए आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका रही।

40 वर्ष की उम्र में प्रधानमंत्री बनने वाले श्री राजीव गांधी भारत के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री थे और संभवतः दुनिया के उन युवा राजनेताओं में से एक हैं जिन्होंने सरकार का नेतृत्व किया है। राजीव गांधी 1984 से लेकर 1989 तक पीएम पद पर विराजमान थे।

स्वतंत्र भारत के आठवें प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह का जन्म 25 जून, 1931 को इलाहाबाद के एक समृद्ध परिवार में हुआ था. वी.पी. सिंह के नाम से विख्यात विश्वनाथ प्रताप एक कुशल राजनीतिज्ञ के रूप में जाने जाते थे। राजीव गांधी सरकार के पतन के बाद जब जनता दल ने वर्ष 1989 के आम चुनावों में विजय प्राप्त की तो प्रधानमंत्री के पद के लिए विश्वनाथ प्रताप सिंह को निर्वाचित किया गया। विश्वनाथ प्रताप सिंह के पिता का नाम राजा बहादुर राय गोपाल सिंह था. वी.पी सिंह ने इलाहाबाद और पूना विश्वविद्यालय से अपनी शिक्षा ग्रहण की थी।

एक जुलाई 1927 को पैदा हुए उत्तरप्रदेश के भारतीय राजनीति में युवा तुर्क के नाम से विख्यात पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर सिंह जो कभी न तो राज्य में मंत्री रहे और न ही केंद्र में। लगातार मंत्रियों के पद को ठुकराने वाले ये नेता बने तो सीधे देश के प्रधानमंत्री बने। 1990 से 21 जून 1991 तक वे देश के प्रधानमंत्री पद पर बने रहे।

स्वतंत्र भारत के नौवें प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिंह राव का जन्म 28 जून, 1921 में आंध्र प्रदेश के एक छोटे से गांव करीम नगर में हुआ था. बहुत ही कम लोग उनके पूरे नाम पामुलापति वेंकट नरसिंह राव से परिचित हैं। वे 1991 से लेकर 1996 तक भारत के प्रधानमंत्री थे।

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पूर्व प्रधानमंत्री और ‘भारत रत्न’ अटल बिहारी वाजपेयी देश के एकमात्र ऐसे राजनेता थे, जो चार राज्यों के छह लोकसभा क्षेत्रों की नुमाइंदगी कर चुके थे। उत्तर प्रदेश के लखनऊ और बलरामपुर, गुजरात के गांधीनगर, मध्यप्रदेश के ग्वालियर और विदिशा और दिल्ली की नई दिल्ली संसदीय सीट से चुनाव जीतने वाले वाजपेयी इकलौते नेता हैं। वाजपेयीजी 1996 से लेकर 2004 तक तीन बार प्रधानमंत्री बने। 1996 के लोकसभा चुनाव में भाजपा देश की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और वाजपेयी पहली बार प्रधानमंत्री बने। 

सामाजिक-आर्थिक विकास और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के पुरजोर समर्थक श्री एच.डी. देवेगौड़ा का जन्म 18 मई 1933 को कर्नाटक के हासन जिले के होलेनारासिपुरा तालुक के हरदनहल्ली गांव में हुआ था। वे 1996 से लेकर 1997 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे।

श्री इंदर कुमार गुजराल 21 अप्रैल, 1997 को भारत के 12 वें प्रधानमंत्री बने। उनका जन्म 4 दिसम्बर 1919 को झेलम में हुआ। 26 मई 1945 को उन्होंने श्रीमती शीला गुजराल से विवाह किया।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितम्बर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रान्त के एक गाँव में हुआ था। डॉ. मनमोहन सिंह ने 2004 के आम चुनाव के बाद 22 मई 2004 को प्रधानमंत्री के रूप के शपथ ली और 22 मई 2009 को दूसरी बार प्रधानमंत्री बने। मनमोहन सिंह साल 2014 तक देश के प्रधानमंत्री पद पर थे।

2014 में शानदार चुनावी जीत के बाद नरेंद्र मोदी ने देश के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। 2019 में नरेेंद्र मोदी ने लगातार दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री का पद संभाला। आजादी के बाद पैदा होने वाले पहले प्रधानमंत्री, श्री मोदी ने पहले 2014 से 2019 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला है। उन्होंने अक्टूबर 2001 से मई 2014 तक लंबे समय तक गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद संभाला है। इंदिरा गांधी के बाद इन्हें सबसे ताकतवर पीएम के रूप में जाना जाता है।

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