देश की राजधानी दिल्ली में 4 दिसंबर को हुए नगर निगम चुनाव (MCD Election 2022) के आज नतीजे आ रहे हैं. नतीजों में अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party- AAP) सबको पछाड़ते हुए पहले स्थान पर चल रही है. 250 सीटों पर हुए चुनाव में 134 सीटों पर आगे चल रही हैं तो वहीं BJP 103 सीटों पर आगे है इसके अलावा देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस (Congress) 10 सीटों पर ही बढ़त बनाने में कामयाब हो पाई है. अन्य के खाते में चार सीटें आई हैं. लेकिन आज हम आपको बता रहे हैं कि क्यों आप इतना अच्छा प्रदर्शन कर पा रही है.
2011 में अन्ना के इंडिया अगेन्स्ट करप्शन (India Against Corruption- IAC) आंदोलन से निकले सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने राजनीतिक पार्टी बनाई और नाम रखा- आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party- AAP) और चुनाव चिन्ह मिला झाड़ू. 2 अक्टूबर 2012 को महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर अपने सियासी सफर की शुरूआत करने वाली आप के बारे में तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि मात्र 10 साल के अंदर ही यही पार्टी देश के दो राज्यों में क्लीन स्वीप करते हुए अपनी सरकार बना लेगी और 3 राज्यों में रजिस्टर्ड पार्टी बन जाएगी.
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आम आदमी पार्टी देश के 54 क्षेत्रीय राजनीतिक दलों में सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली पार्टी बनी है. इसी के साथ आने वाले वक्त में आम आदमी पार्टी संभवत 8 दिसंबर 2022 को आने वाले गुजरात चुनाव के नतीजों के बाद से ही राष्ट्रीय पार्टियों में शुमार होने का दावा पेश कर सकती है.
दिल्ली में नगर निगम चुनाव (MCD Election 2022)
दिल्ली विधानसभा चुनाव में अधिक सफलता नहीं प्राप्त करने वाली भाजपा का पिछले 15 साल से नगर निगम के चुनाव में दबदबा रहा है. निगम के अब तक हुए 11 नगर निगम चुनावों में से सात बार भाजपा (जनसंघ व जनता पार्टी) ने जीत हासिल की तो वहीं, तीन बार कांग्रेस जीतने में सफल रही. 1958 में पहली बार हुए नगर निगम चुनाव के दौरान किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था.
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2022 आम आदमी पार्टी दूसरी बार दिल्ली नगर निगम का चुनाव लड़ रही है. वर्ष 2017 में हुए पहले चुनाव में AAP को करारी हार का सामना करना पड़ा था. 2017 के चुनाव में आप को 272 में से केवल 44 सीटें ही हासिल कर पाई थी.
क्या है AAP की जीत के बड़े कारण?
दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने अरविंद केजरीवाल के चेहरे पर चुनाव लड़ा. इसके उलट भाजपा और कांग्रेस के पास लोकल लेवल पर ऐसा कोई चेहरा नहीं था जो केजरीवाल के चेहरे को चूनौती दे सके. इसका सीधा असर चुनाव में भी देखने को मिला.
आम आदमी पार्टी का चुनाव कैंपेन पॉजिटिव रहा. अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी ने इन चुनाव में दिल्ली सरकार द्वारा कि गए काम पर फोकस किया और विवादास्पद बयानों से परहेज किया. इसके अलावा उन्होंने आप के लिए ‘केजरीवाल की सरकार, केजरीवाल का पार्षद’ कैंपेन लांच किया था जिससे आप ने इन चुनावों को भी केजरीवाल से जोड़ दिया. दिल्ली नगर निगम चुनाव में आप ने स्थानीय मुद्दों पर फोकस रखा जिससे भी लोगों उनेक साथ जुड़े. भाजपा नेताओं द्वारा किए जा रहे पसर्नल अटैक को Arvind Kejriwal ने मुद्दा बनाया. केजरीवाल ने अपने को दिल्ली के आमा आदमी से जोड़ने के लिए बार-बार अपने आप को दिल्ली का बेटा बताया.
दिल्ली में लगातार तीन बार सरकार बनाने वाली कांग्रेस का चुनावों में पूरी तरह से बाहर होना भी आम आदमी पार्टी के पक्ष में रहा. इस कारण दिल्ली में सीधे मुकाबला आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच मुकाबला रहा. कांग्रेस के बड़े नेताओं ने पार्टी द्वारा की निकाली जा रही भारत जोड़ो यात्रा पर फोकस किया लेकिन दिल्ली में एक भी सभा करना उचित नहीं समझा.
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चुनावों में अरविंद केजरीवाल की छोटी पार्टी होने के बाद भी BJP जैसी बड़ी पार्टी का जमकर मुकाबला किया. भाजपा ने चुनावों के दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के अलावा दर्जनों केंद्रीय मंत्री, 5 मुख्यमंत्री और 100 के करीब सांसदों को मैदान में उतारा. इसके मुकाबले कुशल रणनीति बनाते हुए अरविंद केजरीवाल ने खुद अकेले पार्टी का नैया को पार लगाया. उन्होंने काम के मुद्दे पर फोकस बनाए रखा.
दिल्ली में दिल्ली सरकार का फ्री बिजली-पानी का मुद्दा हिट रहा. 2015 में सरकार बनने के बाद आम आदमी पार्टी ने 20 हजार लीटर मुफ्त पानी देने का वादा किया था. उसने सरकार बनते ही इसे लागू किया. इसके अलावा दिल्ली में 2015 में सरकार बनने पर 200 यूनिट पर आधी सब्सिडी देना शुरू किया. इसके बाद अगस्त 2019 में 200 यूनिट पर पूरी सब्सिडी देना शुरू किया यानी 200 यूनिट तक पूरी बिजली मुफ्त कर दी. इसके अलावा बसों में महिलाओं को फ्री यात्रा को भी लोगों ने हाथों – हाथ लिया.
निगम चुनाव में केजरीवाल ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में व्यापक तौर पर किए गए सुधार का जिक्र करते हुए MCD के भी स्कूलों को ऐसा ही बनाने का वायदा किया है. वहीं दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक के जरिए लोगों को घरों के मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा देने का प्रयासों को भी सराहा गया.
दिल्ली में कूड़े के पहाड़ों को लेकर भी आप ने भाजपा पर हमला बोला. केजरीवाल ने पांच साल में दिल्ली से कूड़े के पहाड़ खत्म करने को लेकर वचन दिया है.
इस बार एमसीडी चुनाव में दिल्ली की अवैध कॉलोनियां भी बड़ा मुद्दा रहीं. दिल्ली में बड़ी संख्या में लोग झुग्गी-झोपड़ियों में रहते हैं, आप ने इन अवैध कॉलोनियों को रेगुलराइज करने का वादा किया गया है.