पाकिस्तान सरकार की तरह अपना गिरगिट रंग दिखाते हुए पीसीबी ने बीसीसीआई के खिलाफ मुआवजे की मांग को लेकर आईसीसी के दर जाने का फैसला किया है। पीसीबी के एक अधिकारी के अनुसार बोर्ड अध्यक्ष शहरयार खान, चेयरमैन नजम सेठी और चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर सुभान अहमद के लंदन में बीसीसीआई अधिकारियों से मीटिंग के बाद यह फैसला लिया है। माना जा रहा है कि बीसीसीआई अधिकारियों की जो मीटिंग हुई थी उसमें आईसीसी के चीफ एग्जीक्यूटिव दवे रिचर्डसन भी मौजूद थे।

पीसीबी अध्यक्ष शहरयार खान ने कहा,’तीन बार मीटिंग होने के बाद भी बीसीसीआई पाकिस्तान से द्विपक्षीय सीरीज खेलने को तैयार नहीं हुआ क्योंकि बीसीसीआई को भारत सरकार से इसके लिए इजाजत नहीं मिल रही है।’ उन्होंने बताया कि साल 2014 में बीसीआई ने 2015-2023 तक पाकिस्तान से 6 सीरीज खेलने को लेकर एक करार हुआ था। लेकिन भारत ने तब से अब तक कोई सीरीज पाकिस्तान के साथ नहीं खेली, जिससे पीसीबी को अरबों रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ है। और इसी नुकसान की भरपाई करने के लिए पीसीबी आईसीसी के तहत बीसीसीआई से मुआवजे की मांग कर रहा है।

गौरतलब है कि बीसीसीआई और पीसीबी के बीच साल 2014 में भारत पाक टीमों के बीच 6 द्विपक्षीय सीरीज खेलने को लेकर एक करार हुई थी। लेकिन भारत-पाकिस्तान के बीच लगातार बढ़ती राजनीति सर गर्मियों के बीच इस सीरीज को टाला जा रहा था। बीसीसीआई का कहना है कि भारत सरकार उन्हें तब तक पीसीबी के साथ कोई सीरीज खेलने की मंजूरी नहीं देगा, जब तक दोनों देशों के बीच राजनीतिक हालात ठीक नहीं हो जाते। लेकिन पीसीबी चाहता है कि इस करार को पूरा किया जाए और भारत-पाकिस्तान की द्विपक्षीय सीरीज को दुबई में खेला जाए।

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