हाल ही में सुकमा में हुए नक्सली हमले के बाद शहीद परिवारों की मदद के लिए काफी हाथ आगे बढ़े, जिनमें अभिनेता अक्षय कुमार, क्रिकेटर गौतम गंभीर शामिल हैं। इसी कड़ी में अब हमारे देश के नौकरशाहों ने भी एक सराहनीय कदम की पहल की है। नक्सलवादियों के खिलाफ लड़ाई, आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ या कानून-व्यवस्था बनाए रखने के दौरान अगर कोई सुरक्षा बल का सैनिक शहीद होता है तो भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी उनके परिवारों को गोद लेंगे

GRAB11आईएएस अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले एसोसिएशन ने कहा कि नौकरशाह अपने क्षेत्र के ऐसे परिवारों से मिलेंगे, जिनका परिवार का कोई सदस्य शहीद हो चुका है और साथ ही उन्हें मदद की पेशकश करेंगे। हालांकि नौकरशाह सीधे तौर पर कोई वित्तीय सहायता मुहैया नहीं कराएंगे मगर अप्रत्यक्ष रुप से उनकी सहायता के लिए तत्पर रहेंगे। अधिकारी ऐसे परिवारों को पेंशन और ग्रैच्युटी दिलवाने, पेट्रोप पंप, बच्चों को अच्छी शिक्षा उपलब्ध काराना या नौकरी दिलवाने जैसे कामों में मदद करेंगे।

एसोसिएशन के मुताबिक शुरूआत में पिछले चार बैचों 2012-2015 के करीब 700 युवा अधिकारियों से कहा जाएगा कि वह अपने पदस्थापना वाले क्षेत्र में कम से कम ऐसे एक परिवार को गोद लें। आईएएस अधिकारियों के अलावा वरिष्ठ अधिकारी या राज्य सिविल सेवा के अधिकारी भी स्वेच्छा से ऐसे परिवारों को गोद ले सकते हैं।

नौकरशाहों द्वारा उठाया गया यह कदम वाकई काफी सराहनीय है।

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