जम्मू-कश्मीर के पांपोर के थाना प्रभारी के सुरक्षा दस्ते में शामिल एक पुलिसकर्मी ने हथियारों संग फरार होकर आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का दामन थाम लिया है। पुलिस ने भले ही इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की हो, लेकिन हिजबुल मुजाहिदीन ने एक बयान जारी कर इसकी पुष्टि की और इसके साथ ही राज्य पुलिस के सभी जवानों व अधिकारियों को नौकरी छोड़ हिजब में शामिल होने को कहा है।
बता दें कि फरार हुए पुलिसकर्मी की पहचान एसपीओ इरफान अहमद डार निवासी निहामा, काकपोरा पुलवामा के रूप में हुई है। वह पांपोर के थाना प्रभारी के एस्कार्ट दस्ते का सदस्य था। बताया जा रहा है कि इरफान सरकारी एसाल्ट राइफल, दो मैगजीन और कारतूस लेकर भागा है। वह मंगलवार की दोपहर बाद तक पुलिस स्टेशन में ही था और उसके बाद अचानक वहां से गायब हो गया। देर शाम गए जब उसे बुलाया गया तो वह कहीं नहीं मिला। उसका फोन भी स्विच ऑफ था।
एसएसपी अवंतीपोर जैयद मलिक ने इस एसपीओ के गायब होने की पुष्टि करते हुए बताया कि हम उसका पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं। वह किन हालात में गायब हुआ है, कहां गया है, सभी तथ्यों का पता किया जा रहा है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह आतंकी बन गया है तो उन्होंने कहा कि अभी तक हमारे हाथ ऐसा कोई सुबूत नहीं लगा है जो उसके आतंकी बनने की पुष्टि करता हो।
वहीं अलबत्ता, हिजबुल मुजाहिदीन के प्रवक्ता गाजी बुरहानुदीन ने स्थानीय न्यूज एजेंसियों को फोन पर बताया कि पांपोर पुलिस स्टेशन से लापता एसपीओ इरफान अहमद कहीं गायब नहीं है। उसने पुलिस की नौकरी छोड़ हिजबुल मुजाहिदीन का साथ देने का फैसला किया है और वह इस समय संगठन के अन्य लड़कों के साथ सुरक्षित ठिकाने पर है।
हिज्ब प्रवक्ता ने कश्मीर में संगठन के ऑपरेशनल चीफ कमांडर मोहम्मद बिन कासिम की तरफ से राज्य पुलिस के सभी जवानों व अधिकारियों से नौकरी छोड़ हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल होने व कश्मीर में जारी जिहाद को कामयाब बनाने की अपील की है।