Tata-Mistry Case: सुप्रीम कोर्ट ने 19 मई को टाटा संस बनाम मिस्त्री विवाद में साइरस मिस्त्री की समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि उन्हें ऐसा कोई आधार नहीं मिला जिसे देखकर याचिका पर पुनर्विचार किया जा सके, इसलिए याचिका खारिज किया जाता है। हालांकि, सर्वोच्च अदालत मिस्त्री के खिलाफ एक फैसले में की गई कुछ प्रतिकूल टिप्पणियों को समाप्त करने के लिए सहमत हो गई है।
बता दें कि इस याचिका में साइरस मिस्त्री को टाटा संस के प्रमुख के पद से हटाने के फैसले की समीक्षा और उस पर पुनर्विचार की अपील की गई थी। 2021 में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था।

Tata-Mistry Case: 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने दिया था फैसला
बता दें कि शीर्ष अदालत, पूर्व फैसले के खिलाफ मिस्त्री की समीक्षा याचिका पर दलीलें सुन रहा था। पहले के फैसले के अनुसार, अदालत, नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल के आदेश को अलग करके टाटा के पक्ष में फैसला सुनाया, जिसने मिस्त्री को टाटा संस के अध्यक्ष के रूप में बहाल करने की अनुमति दी थी। उस दौरान शीर्ष अदालत ने मिस्त्री को बोर्ड से हटाने के फैसले को बरकरार रखा था।

Tata-Mistry Case: मिस्त्री ने टाटा संस पर लगाया था आरोप
बता दें कि मिस्त्री ने टाटा संस पर अल्पसंख्यक शेयरधारकों के उत्पीड़न का आरोप लगाया था। मामले को खारिज करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि गलत कारोबारी फैसले को अल्पांश शेयरधारकों के प्रति पूर्वाग्रह के तौर पर नहीं देखा जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि कानून के सभी सवालों का जवाब टाटा के पक्ष में दिया गया था। अप्रैल 2021 में मिस्त्री ने फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर की थी।
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