Supreme Court: सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि इस मामले पर जवाब दाखिल करने के लिए उचित समय दिए जाने की मांग की।CJI ने पूछा 9 महीने पहले नोटिस जारी किया जा चुका है। इससे जुड़ी दूसरी याचिकाओं को अलग अलग बेंच से एक साथ लाया गया, लेकिन इतने वक्त में भी आपका जवाब दाखिल नहीं हो पाया।
वहीं AG ने खुद राजद्रोह कानून के लिए दिशानिर्देश बनाए जाने की मांग करते हुए कहा कि हनुमान चालीसा पढ़ने के मामले को लेकर राजद्रोह की धारा लगाई गई है। ऐसे में दिशानिर्देश की सख्त जरूरत है।
वहीं याचिकाकर्ताओं की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा कि सुनवाई शुरू करनी चाहिए।CJI ने सहमति जताते हुए कहा कि मुझे नहीं लगता कि मामले की सुनवाई में कोई दिक्कत होनी चाहिए।
इस पर SG ने कहा इस मामले पर केंद्र सरकार के स्टैंड को जाने बिना सुनवाई शुरू नहीं की जानी चाहिए। मेरे लिए यह जरूरी होगा कि मैं सक्षम विभाग से चर्चा कर कोर्ट को अवगत करवाऊं ऐसे में इसके लिए समय दिया जाए।
Supreme court: अगली सुनवाई 10 मई को
Supreme Court:इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की मदद कर रहे AG केके वेणुगोपाल का कहना है कि कुछ नए दिशानिर्देश तय किए जा सकते हैं।सिब्बल ने कहा कि मामले को तीन जजों की बेंच सुने फिर उसे 7 जजों की बेंच के पास सुनवाई के लिए भेज दिया जाए।
Supreme Court इस बात पर विचार करता है कि क्या मामले को एक बड़ी बेंच के पास भेजने की जरूरत है?AG ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि इस मामले में केदारनाथ का फैसला पर्याप्त है।
Supreme Court: संविधान पीठ के पास भेजने का कोई औचित्य नहीं
इसे 5 जजों की संविधान पीठ के पास भेजने का कोई औचित्य नहीं है।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर हम इस मामले को बड़ी बेंच के पास भेजते हैं तो केवल संवैधानिक वैधता पर ही सुनवाई होगी। इसके लिए हम मेरिट्स के आधार पर सुनवाई करेंगे।
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर अब 10 मई को सुनवाई करेगा।बीते मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट पहले इस बात को तय करेगा कि यह मामला बड़ी बेंच को भेजा जाए या नहीं और सोमवार तक केंद्र सरकार को बड़ी बेंच को भेजने के मसले पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है।
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