सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर मुहर लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि महिलाओं को कमांड पोस्टिंग मिलनी चाहिए, ये उनका अधिकार है।


बता दें कि केंद्र सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। सरकार का कहना था कि महिलाओं को कमांड पोस्टिंग नहीं दी जा सकती। उनका तर्क था कि उसका दुश्मन देश फायदा उठा सकते हैं। साथ ही सेना के यूनिट में ज़्यादातर जवान ऐसी पृष्टभूमि से आते हैं कि महिला के लिए कमांड करना मुश्किल हो सकता है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को बरकररा रखा है।

केस की सुनवाई करके हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जम कर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में महिलाओं के साथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। साथ ही कहा है कि पुरुषों की तरह महिलाओं को भी अब सारे अधिकार मिलने चाहिए। कोर्ट ने कहा कि महिलाओं के प्रति माइंडसेट बदलने की जरूरत है। 30 फीसदी महिलाएं मोर्चे पर तैनात है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान तान्या शेरगिर और कैप्टन मधुमिता का भी उधारण दिया।

कोर्ट ने ये भी कहा कि जिन महिला ऑफिसर ने 14 साल की सर्विस कर ली है, उन्हें 20 साल तक सेना में सेवा करने की अनुमति दी जाए। इसके अलावा ये भी कहा कि 20 की नौकरी के बाद उन्हें पेंशन की बी सारी सुविधाएं मिले।

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