Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट के वकील इलियाना सारस्वत ने CJI को पत्र लिखकर जहांगीरपुरी मामले का जिक्र करते हुए कहा कि मामला कोर्ट के अधीन होने के बावजूद भी विभिन्न प्लेटफार्म पर इसे लेकर टिप्पणियां की जा रही हैं। जोकि कोर्ट की अवमानना है।पत्र में यूपी और मध्यप्रदेश में जो बुलडोजर की कार्यवाई के समाचारों का भी जिक्र करते हुए सुप्रीम कोर्ट से दिशा निर्देश जारी करने की मांग उठाई।
Supreme Court: जानें जहांगीरपुरी हिंसा विवाद के बारे में
दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी। कुछ लोगों द्वारा शोभायात्रा पर पथराव किया गया और कांच की बोतलें फेंकी गईं। मौके पर खड़ी गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया गया, तोड़-फोड़ और आगजनी की गई। इस दौरान कई पुलिस के जवान भी घायल हो गए। यह घटना शाम करीब 6 बजे हुई। बता दें कि कल की घटना के बाद फिलहाल जहांगीरपुरी में तनाव की स्थिति है।
पुलिस ने अभी तक 14 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं मुख्य आरोपियों को रोहिणी कोर्ट ले जाया गया है। मामले का मुख्य साजिशकर्ता जहांगीरपुरी के बी ब्लॉक के रहने वाले अंसार को बताया गया है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, स्थानीय बदमाश अंसार ने कथित तौर पर अपराध की साजिश रची थी।
Supreme Court: रोहिणी की अदालत में चल रही सुनवाई
गृह मंत्रालय ने पांच आरोपियों पर रासुका के तहत कार्रवाई की है। इसके मुताबिक हिरासत में लिए गए व्यक्ति को अधिकतम एक साल तक जेल में रखा जा सकता है। अगर पुलिस को लगता है कि आरोपी से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है तो उसे बिना किसी आरोप के एक साल तक जेल में रखा जा सकता है।
मामले में नया सबूत मिलने पर जेल की समय सीमा बढ़ाई जा सकती है।जहांगीरपुरी हिंसा मामले में चार आरोपियों की रिमांड अवधि खत्म होने पर उन्हें रोहिणी कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने चारों आरोपियों की रिमांड अवधि 3 दिन और बढ़ा दी। इस मामले में जांच एजेंसी ने अंसार, सलीम गुल्ली और दिलशाद को भी कोर्ट में पेश किया था।
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