Sambhaji Bhosale Death Anniversary: आज यानी 11 मार्च को छत्रपति संभाजी महाराज की पुण्यतिथि (Sambhaji Maharaj Punyatithi) मनाई जा रही है। छत्रपति संभाजी का जन्म 14 मई 1657 को हुआ था, जबकि 11 मार्च 1689 को 31 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था। संभाजी महाराज महाराष्ट्र के महान शासक और वीर योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) से सबसे बड़े पुत्र थें। वह उनकी पहली पत्नी सईबाई के सबसे बड़े बेटे थे। बता दें कि आज के दिन हर साल उनके पुण्यतिथि के दिन को बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है।

छत्रपति संभाजी महाराज ने अपने पिता छत्रपति शिवाजी महाराज की तरह ही स्वराज और स्व-शासन की स्थापना के लिए अपना सब कुछ देश के लिए न्योछावर कर दिया था। पिता के निधन के बाद संभाजी महाराज ने 9 साल तक राज किया था। छत्रपति संभाजी महाराज को 8 भाषाओं का ज्ञान था। संभाजी महाराज अपने पिता छत्रपति शिवाजी महाराज की तरह ही महान राजा और वीर योद्धा थे। कहा जाता है कि वो एकमात्र ऐसे योद्धा थे, जिन्होंने करीब 150 लड़ाइयां लड़ी और सब में उन्होंने जीत हासिल की है।
Sambhaji Bhosale Death Anniversary: छत्रपति संभाजी महाराज का इतिहास
संभाजी महाराज ने पढ़ाई के साथ-साथ युद्ध कौशल पर भी कमान हासिल की है। संभाजी की शादी एक राजनीतिक समझौते के तहत जिवूबाई से की गई थी। उनकी इस शादी के कारण कोंकण (Konkan) का तटीय इलाका शिवाजी महाराज के कब्जे में आ गया।
कहा जाता है कि उनके गैर जिम्मेदाराना व्यवहार के चलते उनके पिता शिवाजी महाराज ने उन्हें 1678 में पान्हाला (Panhala) के किले में कैद करवा दिया था। लेकिन वह किले से निकल कर भाग गए थे और एक साल बाद घर लौटे थे।

संभाजी के जेल में रहने की वजह से सांभाजी की सौतेली मां सोयाराबाई ने अपने 10 साल के बेटे राजाराम को मराठा साम्राज्य के वारिस के तौर पर सिंहासन पर बिठा दिया था। कहा जाता है कि मुग्रल सम्राट औरंगजेब के बेटे अकबर को सांभाजी महाराज ने शरण दी थी। बता दें कि औरंगजेब के बेटे ने अपने पिता के खिलाफ बगावत की थी।

जंग में औरंगजेब ने सांभाजी और उनके दोस्त कवि कलश को गिरफ्तार कर लिया था। औरंगजेब ने सांभाजी को काफी यातनाएं दीं थी और उनको तड़पा-तड़पा कर 11 मार्च, 1689 को मारा डाला था।
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