हरियाणा राज्य इस समय बाबाओं के दुष्कर्मों की सजा भुगत रहा है। बाबाओं के कारण कई क्षेत्रों में 144 धारा लगाई जा रही है जिससे आम जनता में काफी भय व्याप्त हो रहा है। हाल ही में बाबा गुरमीत राम रहीम के कारण हरियाणा में कर्फ्यू लगा था और अब संत रामपाल के कारण लगा है। हालांकि सतलोक आश्रम संचालक संत रामपाल पर आए फैसले से उनके समर्थक काफी खुश होंगे। हरियाणा के हिसार के बरवाला के सतलोक आश्रम से जुड़े दो मामलों में हिसार की जिला अदालत ने संत रामपाल को बरी कर दिया है। उनके ऊपर सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाने और लोगों को बंधक बनाकर हिंसा के लिए उकसाने का आरोप था। रामपाल समेत 14 लोगों को बरी किया गया है।

कई आरोपों में फंसे रामपाल को केस नंबर 426 और 427 में बरी किया गया है। केस की सुनवाई जिला जज मुकेश कुमार कर रहे थे। बाबा रामपाल का बुरा दौर 2006 से चालू हुआ। 2006 में स्वामी दयानंद की लिखी एक किताब पर संत रामपाल ने एक टिप्पणी की। आर्यसमाज को ये टिप्पणी बेहद नागवार गुजरी और दोनों के समर्थकों के बीच हिंसक झड़प हुई। घटना में एक शख्स की मौत भी हो गई। झड़प के बाद पुलिस ने रामपाल को हत्या के मामले में हिरासत में लिया था। तब 22 महीने जेल में रहने के बाद वह 30 अप्रैल 2008 को रिहा हुए थे। इसके बाद कोर्ट में पेश नहीं हुए। कोर्ट के लगातार बुलाए जाने पर भी जब रामपास पेश नहीं हुए तो कोर्ट ने रामपाल को जबरन लाने का आदेश दिया। ऐसे में रामपाल के समर्थक हथियारों और बम के साथ उत्पात मचाने लगे। ये सब देख रामपाल पर देशद्रोह का मामला भी दर्ज हो गया।

रामपाल दो मामलों से तो बरी हो गया है किंतु वो अभी भी जेल में ही रहेगा क्योंकि उसके ऊपर देशद्रोह और हत्या जैसे संगीन आरोप अभी भी लगे हैं।

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