संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ पर बवाल खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। राजपूत समाज लगातार इसका विरोध कर रहा है। उनके इस विरोध से कई राज्य सरकारों को फिल्म रिलीज के समय कानून व्यवस्था बिगड़ने का भी डर सता रहा है। ऐसे में राजस्थान सरकार के तरफ से एक बयान जारी हुआ है जिससे फिल्म के निर्माताओं और निर्देशकों को थोड़ी राहत जरूर मिली होगी। राजस्थान के गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने रविवार को कहा कि पद्मावती के रिलीज होने पर प्रदेश में कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। कटारिया ने कहा कि पद्मावती फिल्म में अगर कुछ गलत दिखाया गया है तो उसमें सुधार किया जाए। लेकिन कुछ लोग सिर्फ यह समझते हैं कि रानी पद्मावती के हितैषी वही हैं तो यह गलत है।
कटारिया ने कहा कि रानी पद्मावती को जाति के आधार पर नहीं देखा सकता है। वह देश की प्रतीक हैं और फिल्म में लोगों की भावनाओं को आहत करने वाली सामग्री है, तो उसे ठीक किया जाना चाहिए। उधर दूसरी तरफ राजस्थान में उदयपुर पुलिस के पद्मावती फिल्म पर रोक लगाने के पत्र से हंगामा मच गया, लेकिन दो घंटे बाद ही पुलिस ने इसे टाइपिंग की गलती बताते हुए दूसरा पत्र जारी किया, जिसमें लिखा गया है कि पद्मावती फिल्म की रिलीज को लेकर कोई रोक नहीं है। इसके लिए संबंधित थानों को कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी दी जा रही है।
बता दें कि पद्मावती फिल्म में तथ्यों और कहानी को लेकऱ करणी सेना और अन्य राजपूत संगठनों में खासा गुस्सा है। इस वजह से वो लगातार फिल्म का विरोध कर रहे हैं। यहां तक की फिल्म को किसी भी हालत में रिलीज नहीं होने देने की धमकी भी दी जा रही है। करणी सेना का कहना है कि विरोध के लिए वह किसी भी स्थिति तक जाने को तैयार है।