Pegasus मामला Supreme Court पहुंच गया है। इजराइल से 2017 में हथियारों के सौदे के तहत पेगासस स्पाइवेयर की खरीदे किए जाने की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गयी है। इस याचिका में कथित रिपोर्ट के मुताबिक हुए सौदे के लिए प्रधानमंत्री सहित इस सौदे मे शामिल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई और उसके लिए किए गए भुगतान की वसूली का निर्देश देने की मांग की हैं।
Pegasus मामले पर बनाए गए एसआईटी ही करे कार्रवाई
इसके अलावा याचिका में पेगासस मामले पर जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित SIT के जरिए, इस मामले की जांच और कार्रवाई की मांग का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में इस मामले की IT एक्ट की धारा 65,66 और 72, ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट की धारा 3 और IPC की धारा 408,409 और120-b के तहत जांच और कार्रवाी की मांग की गई है।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के आधार पर याचिका
दरअसल सुप्रीम कोर्ट के वकील एम एल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में न्यूयार्क टाइम्स की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि न्यूयॉर्क टाइम्स की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि 2017 में भारत और इज़राइल के बीच रक्षा सौदा हुआ जिसमें हथियार और इंटेलिजेंस के समान इजराइल द्वारा भारत को दिया गया। इसके लिए भारत ने इजराइल को 2 बिलियन डॉलर यानी 2 सौ करोड़ डॉलर का भुगतान किया।
Pegasus को लेकर न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में क्या है?

न्यूयॉर्क टाइम्स ने शुक्रवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया है कि जुलाई 2017 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजरायल यात्रा पर गए थे तब 2 अरब डॉलर में भारत ने इजरायल के साथ एक भारी भरकम रक्षा सौदा किया था। इस डील में मिसाइल सिस्टम के अलावा इजरायली कंपनी NSO द्वारा बनाया गया पेगासस स्पाईवेयर मुख्य आइटम थे।
बता दें कि इजरायली कंपनी एनएसओ के पेगासस सॉफ्टवेयर से दुनिया में कथित तौर पर 300 से ज्यादा हस्तियों के फोन हैक किए जाने का मामला सामने आया था। भारत में 40 से अधिक हस्तियों को निशाना बनाया गया था। इसमें Rahul Gandhi का नाम भी शामिल था।
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