मोदी सरकार ने आज 69वें गणतंत्र दिवस के मौके पर पद्म पुरस्कारों से उन ‘गुमनाम नायकों’ का सम्मान किया है, जिन्होंने लोगों को गरीबों के लिए काम करने के लिए अपनी जिंदगी समर्पित की है या अपने खुद के क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए वंचित पृष्ठभूमि से आगे बढ़े हैं लेकिन उन्हें ज्यादा प्रसिद्धि नहीं मिली हैसरकार ने गुमनाम नायकों को सम्मान देते हुए उन लोगों के लिए पद्मश्री पुरस्कारों की घोषणा की। चलिये हम आपकों उन लोगों के नाम और उनके काम के बारें में बताते है जिनको पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

1.सुभाषिणी मिस्त्री

पश्चिम बंगाल के ग्रामीण इलाके से आने वाली गरीब महिला सुभाषिणी मिस्त्री को पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया। उनको यह पुरस्कार उनकी मेहनत और साहस के लिए दिया गया है। बता दें कि उन्होंने राज्य में गरीबों के लिए एक अस्पताल बनाने के लिए 20 साल तक घरेलू सहायिका और दिहाड़ी मजदूर के तौर पर मेहनत की।

  1. लक्ष्मीकुट्टी

पद्मश्रीपुरस्कार पाने वालों में केरल की आदिवासी महिला लक्ष्मीकुट्टी भी शामिल हैं जिन्होंने स्मरण से 500 हर्बल औषधि तैयार की और खासतौर पर सर्पदंश व कीटों के डंक के मामलों में हजारों लोगों की मदद की। वह केरल फोल्कलोर एकेडमी में पढ़ाती हैं और एक जंगल में स्थित एक आदिवासी बस्ती में पत्तों से बनी छत वाली एक छोटी सी झोपड़ी में रहती हैं। वह अपने इलाके से एक मात्र ऐसी आदिवासी महिला हैं जिन्होंने 1950 के दशक में स्कूली शिक्षा हासिल की थी।

  1. सुधांशु विश्वास

पश्चिम बंगाल के सुधांशु विश्वास, 99 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी, जो गरीबों की सेवा करते है, स्कूल और अनाथालय चलाते है और गरीबों के लिए नि:शुल्क स्कूल की स्थापना की है, वो भी विजेताओं में से एक है। वहीं केरल के मेडिकल मसीहा को गंभीर रूप से बीमार, एम आर राजागोपाल को भी पद्म श्री से सम्मानित किया गया है। राजगोपाल ने नव जन्म के मामलों के लिए दर्द निवारक देखभाल में विशेष काम किया है।

4.मुरलीकांत पेटकर

भारत के प्रथम पैरा-ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता व महाराष्ट्र के मुरलीकांत पेटकर को भी पद्म श्री से सम्मानित किया गया है। 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान उन्होंने अपनी बांह गंवा दी थी।

  1. विजयालक्ष्मी नवनीतकृष्णन

विजयालक्ष्मी नवनीतकृष्णन, एक प्रशंसित तमिल लोक प्रचारक, जिन्होंने तमिल लोक और आदिवासी संगीत के संकलन, दस्तावेज़ीकरण और संरक्षण के प्रति अपना जीवन समर्पित किया है उन्हें भी पद्मश्री से नवाजा गया है। हिमाचल प्रदेश के दूरदराज इलाकों में काम करने वाले तिब्बती हर्बल दवाओं के एक भिक्षु चिकित्सक, यिशिया ढोडेन, एक अन्य पुरस्कार प्राप्तकर्ता हैं।

  1. राजगोपालन वासुदेवन

तमिलनाडु के राजगोपालन वासुदेवन, जिन्हें भारत के प्लास्टिक निर्माता के रूप में जाना जाता है, उन्होंने सड़कों के निर्माण के लिए प्लास्टिक कचरे का पुन: उपयोग करने के लिए पेटेंट और अभिनव पद्धति विकसित की है, उन्हें पद्मश्री भी दिया गया है।

  1. अरविंद गुप्ता

छात्रों की कई पीढ़ियों को विज्ञान सीखने के लिए प्रेरित करने वाले आइआइटी कानपुर के पूर्व छात्र अरविंद गुप्ता को भी पद्म श्री से सम्मानित किया गया। गुप्ता चार दशकों में 3000 स्कूलों में गए, खिलौना बनाने पर 18 भाषाओं में 6200 लघु फिल्में बनाई और 1980 के दशक में लोकप्रिय टीवी शो ‘तरंग’ की भी मेजबानी की।

  1. भज्जू श्याम

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित गोंड कलाकार भज्जू श्याम को पद्म श्री से सम्मानित किया गया है। श्याम गोंड पेंटिंग के माध्यम से यूरोप को चित्रित करने के लिए प्रसिद्ध है जो मध्य प्रदेश की चित्रकला की एक आदिवासी शैली है। एक गरीब आदिवासी परिवार में जन्मे, वह एक पेशेवर कलाकार बनने से पहले परिवार की सहायता के लिए गार्ड और इलेक्ट्रीशियन के रूप में काम किया करते थे। उनकी ‘द लंदन जंगल बुक’ ने 30,000 प्रतियों की बिक्री की थी और इसे पांच विदेशी भाषाओं में प्रकाशित किया गया था।

  1. एमआर राजगोपाल

केरल के मेडिकल मसीहा एमआर राजगोपाल को भी पद्म श्री से सम्मानित किया गया है। वह नवजात शिशु संबंधी विशेषज्ञ हैं। राजगोपाल ने नव जन्म के मामलों के लिए दर्द निवारक देखभाल में विशेष काम किया है।

  1. सुलगत्ती नरसम्मा

90 से 100 साल के बीच की उम्र के कृषि मजदूर सुलगत्ती नरसम्मा को भी पद्म श्री से सम्मानित किया गया है। बता दें कि उन्होंने बिना किसी मेडिकल सुविधा के कर्नाटक के पिछड़े क्षेत्रों में प्रसव सहायिका के तौर पर सेवाएं दी।

वहीं इसके अलावा तिब्बती हर्बल औषधि के चिकित्सक येशी धोदेन भी यह पुरस्कार पाने वालों में शामिल हैं। वह हिमाचल प्रदेश के दूर दराज के इलाकों में सेवाएं दे रहे हैं। नगालैंड में गांधी आश्रम में दशकों सेवाएं देने वाले गांधीवादी लेंटीना ए ठक्कर, अंडमान निकोबार द्वीप समूह और तमिलनाडु में वन्यजीव संरक्षक के तौर पर काम करने वाले रोमुलस व्हेतकर को भी पद्म श्री से सम्मानित किया गया। महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित गढ़ चिरौली में 30 साल से अधिक समय से स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने वाले चिकित्सक बांग दंपती को भी यह पुरस्कार मिला है।
लखनऊ के उर्दू कवि अनवर जलालपुरी को पद्म श्री से सम्मानित किया गया है। उन्होंने भगवद गीता के 700 श्लोकों का उर्दू में अनुवाद किया है। हिंदू मुसलिम एकता के पैरोकार, गायक व कर्नाटक के इब्राहिम सुतार, तेजस के पूर्व प्रोग्राम निदेशक व बिहार निवासी मानस बिहारी वर्मा को यह पुरस्कार प्रदान किया गया।

महिला विकास व सशक्तीकरण और खासतौर पर देवदासी व दलितों के हितों की पैराकार सितत्व जोद्दादी और सउदी अरब के प्रथम योग प्रशिक्षक नौफ मरवाई को भी यह पुरस्कार प्रदान किया गया। नौफ ने उस देश में योग को कानूनी मान्यता दिलाने में योगदान दिया है।वहीं भारत के सबसे वृद्ध योग शिक्षक वी ननम्मल (98) को भी यह पुरस्कार दिया गया है।

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और कई बार के विश्व चैंपियन क्यू खिलाड़ी पंकज आडवाणी को पदम भूषण से अलंकृत किया गया।

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