ओमिक्रॉन (Omicron) को तीसरी लहर (Third Wave) का आहट कहा जा रहा है। ओमिक्रॉन के कारण ही कोरोना के मामले तेजी ते बढ़ रहे हैं। सबसे ज्यादा डर उन माता-पिता के जेहन में है, जिनके बच्चे अभी भी कोरोना टीकाकरण के पात्र नहीं हैं। क्योंकि जानकारों ने पहले ही कह दिया था कि तीसरी लहर बच्चों को सबसे अधिक अपना शिकार बनाएगी। दिन ब दिन बढ़ते कोरोना के मामले एक नया पैदा कर रहे हैं। इस बीच विशेषज्ञों ने बताया कि बच्चों में ओमिक्रॉन कितना ज्यादा खतरनाक है
Omicron का बच्चों पर असर

पीजीआी के डायरेक्टर आरके धीमान ने ओमिक्रॉन (Omicron) का बच्चों पर क्या असर पड़ेगा इस बात की पूरी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि इस वायरस का बच्चों पर कम प्रभाव पड़ेगा। बच्चों की नेचुरल इम्यूनिटी एडल्ट लोगों की इम्यूनिटी के बराबर पाई गई है। इसका मतलब है कि बच्चों में जो एंडीबॉडी है वो नेचुरल है। उनमें 80 फीसदी से अधिक एंडीबॉडी पाई गई है। यही कारण है कि ओमिक्रॉन बच्चों को अधिक नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा।
आरके धीमन ने बताया कि ओमिक्रॉन का बच्चों पर वैसे ही असर होगा जैसे वायरल इलनेस में होता है। उन्होंने कि इससे बीमारी होने की आशंका तो है लेकिन कोई खतरनाक रोग नहीं होगा।
बच्चों में ओमिक्रॉन के ज्ञात लक्षण मुख्य रूप से ऊपरी श्वसन पथ के संक्रमण हैं, जैसे बुखार, नाक बहना, गले में दर्द, शरीर में दर्द और सूखी खांसी। बच्चों की सुरक्षा का सबसे अच्छा तरीका है कि कोविड के उचित व्यवहार का पालन किया जाए। वयस्कों की जिम्मेदारी है कि वे मास्क पहनें और पूरी कोशिश करें कि संक्रमण घर में न लाए।
Omicron का गर्भवती महिलाओं पर असर

ओमिक्रॉन को लेकर गर्भवती महिलाएं भी काफी चिंतित हैं। उनकी चिंता लाजमी है क्योंकि उन्हें खुद के साथ अपने आने वाले नए मेहमान का भी ख्याल रखना है। डॉक्टरों का कहना है कि ओमिक्रॉन गर्भवती महिलाओं पर कोविड-19 के डेल्टा वायरस के मुकाबले कितना असर डालने वाला इस पर अभी कुछ भी साफ नहीं कहा जा सकता है।
पर ऐसे समय में गर्भधारण करना खतरे से बिल्कुल खाली नहीं है। जानकारों का कहना है कि यह समय अपने के साथ अपनों का ख्याल रखने वाला है। ऐसे में गर्भधाराण करना मानसिक तौर पर नुकसान पहुंचा सकता है।
संबंधित खबरें: