केंद्र की मोदी सरकार आज अपने तीन साल के कार्यकाल को पूरा कर चुकी है। आज ही के दिन 2014 में यह सरकार प्रचंड बहुमत प्राप्त कर सत्तासीन हुई थी। तीन साल पूरे होने के मौके पर मोदी सरकार जहाँ जश्न मनाने और अपनी उपलब्धियां जनता तक पहुँचाने में लगी है। वहीं विपक्ष मोदी सरकार की तीन साल की नाकामियों को जनता तक पहुँचाने के प्रयास में लगा है।
मोदी सरकार बड़े वादे और ‘सबका साथ सबका विकास’ के नारे के साथ सत्ता में आई थी। तीन साल में कई योजनाएं शुरू की गईं। कई उपलब्धियां भी रहीं लेकिन कई ऐसे मौके भी आये जब सरकार विपक्ष के निशाने पर रही। तीन साल पूरा होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जहाँ असम में सबसे बड़े पुल का उद्घाटन करने पहुंचे। वहीं बीजेपी की तरफ से इस अवसर पर एक पोस्टर जारी किया गया इसमें लिखा है ‘साथ है विश्वास है हो रहा विकास है।’ साथ ही इसमें उपलब्धियों को भी विस्तार से बताया भी गया है। विपक्ष इससे पहले ही 3 साल 30 तिकड़म के नाम से वीडियो जारी कर चुका है।
#3YearsofModiGovt #साथ_है_विश्वास_है_हो_रहा_विकास_है
— Manoj Tiwari (@ManojTiwariMP) May 26, 2017
बड़े फैसले, कड़े फैसले कर रहे भारत का कल उज्जवल @narendramodi जी pic.twitter.com/5fiJszYGcP
मोदी सरकार की योजनाओं और फैसलों की बात करें तो डिजिटल इंडिया,उज्ज्वला योजना,प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना,स्मार्ट सिटी परियोजना,बेटी बचाओ बेटी पढाओ,जन धन योजना,मुद्रा योजना,स्टार्टअप इंडिया,मेक इन इंडिया जैसी कई बड़ी योजनाएं शुरू की गईं। इनमे से कई योजनाएं हिट भी रहीं लेकिन कुछ के सफल होने में संदेह बरक़रार है। इसके अलावा वस्तु एवं सेवा कर विधेयक पास होना भी सरकार की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। नोटबंदी को लेकर भी कई सवाल उठे लेकिन नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को पांच लाख करोड़ का फायदा हुआ। इसके अलावा बेनामी संपत्ति के खिलाफ कार्रवाई और सीमा पार सर्जिकल स्ट्राइक को भी लोगों ने खूब सराहा है।
केंद्र सरकार की उपलब्धियों के अलावा नाकामियों की बात करें तो इनमे भी सरकार पीछे नहीं रही है। सरकार के सामने कई बार असहज परिस्थिति भी बनी है। बात चाहे कश्मीर में हिंसा की हो या दलितों पर बढती हिंसक घटनाओं की मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर आती रही है। अपने चुनावी वादों को लेकर भी सरकार विरोधियों के निशाने पर रही है। सरकार के बेरोजगारी दूर करने और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना भी बड़ी चुनौती रहा है। सरकार पर इसमें असफल होने के आरोप भी लगते रहे हैं। इसके अलावा बार-बार आतंकी और नक्सली हमलों में शहीद होते जवानों को लेकर भी विपक्ष ने मोदी सरकार को असफल बताया है।
कुल मिलकर अगर हम मोदी सरकार के तीन साल के कार्यकाल को देखें तो यह बिलकुल स्पष्ट है कि कमज़ोर और अलग-थलग विपक्ष के सामने प्रचंड बहुमत की मोदी सरकार आज भी मजबूत स्थिति में है। इसका प्रमाण पांच राज्यों में से चार राज्यों में हाल में हुए चुनावों में बीजेपी को मिली जीत है। इसके अलावा अलग-अलग सर्वे और पब्लिक ओपिनियन भी मोदी सरकार के पक्ष में जाते रहे हैं। मोदी की कार्यशैली,भ्रष्टाचार का एक भी आरोप न लगना साथ ही सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से लोगों से आसानी से जुड़े रहना भी मोदी सरकार की लोकप्रियता की एक बड़ी वजह है।
विपक्ष की बात करें तो मुद्दों को सही ढंग और एकजुटता से न उठा पाना विपक्ष की कमजोरी रही है। ऐसे में बीजेपी के सामने उपलब्धियों को बताने से ज्यादा दो साल में कई चुनौतियों से निपटने का बड़ा लक्ष्य भी होगा।