किसान आंंदोलन को लेकर NHRC ने केंद्र और 4 राज्‍यों की सरकार को Notice जारी कर Report मांगी

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NHRC issued notice to the Center and the government of 4 states

सोमवार को राष्‍ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) ने केंद्र, दिल्ली (Delhi), राजस्थान (Rajasthan), हरियाणा (Haryana) और उत्‍तरप्रदेश (Uttar Pradesh) की सरकारों को नोटिस जारी कर तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहें किसान आंदोलन पर रिपोर्ट मांगी है। NHRC ने कहा कि उसे किसान आंदोलन को लेकर कई शि‍कायतें मिली हैं।

9000 से अधिक कंपनियों पर प्रभाव पड़ा

ए‍क बयान जारी कर NHRC ने कहा इस विरोध प्रदर्शन के कारण 9000 से अधिक सूक्ष्म, मध्यम और बड़ी कंपनियों गंभीर रूप से प्रभावित हुई है और इससे परिवहन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि आंदोलन के चलते लोगों को अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है और सीमाओं पर बैरिकेड्स लगा दिए जाते हैं। इससे यात्रियों, रोगियों, शारीरिक रूप से विकलांग लोगों और वरिष्ठ नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

इसी के चलते NHRC ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली की सरकारों के मुख्य सचिव और उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान के पुलिस महानिदेशक और दिल्‍ली के पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी कर उनसे इस मामले से संबंधित कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आह्वान किया है।

NHRC ने IEG, NDMA और MoH को भी नोटिस जारी किया

NHRC ने 10 अक्टूबर, 2021 तक इस मामले में आर्थिक विकास संस्थान (IEG) से औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियों/उत्पादन पर किसानों के आंदोलन के प्रभाव एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का अनुरोध किया गया है।

उन्‍होंने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (National Disaster Management Authority), गृह मंत्रालय ( Ministry of Home) और स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) और भारत सरकार को विभिन्न पहलुओं पर किसानों के आंदोलन के प्रतिकूल प्रभाव और विरोध स्थलों पर कोविड प्रोटोकॉल के पालन से संबंधित रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है।

धरना स्थल पर मानव अधिकार कार्यकर्ता के साथ कथित सामूहिक बलात्कार के मामले में DM झज्जर से मृतक के नजदीकी रिश्‍तेदार को मुआवजे के भुगतान के संबंध में कोई रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई थी। डीएम, झज्जर (Jhajjar) को 10 अक्टूबर, 2021 तक रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एक अनुस्मारक जारी किया गया था।

राष्‍ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने दिल्ली स्कूल ऑफ सोशल वर्क, दिल्ली विश्वविद्यालय से अनुरोध किया है कि वे सर्वेक्षण करने के लिए टीमों को नियुक्त करें और किसानों द्वारा लंबे समय तक आंदोलन के कारण आजीविका, लोगों के जीवन, वृद्ध और कमजोर व्यक्तियों पर प्रभाव का आकलन करने के लिए रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

तीन कृषि कनूनों के खिलाफ आंदोलन

भारतीय किसानों का विरोध करीब 1 साल से तीन कृषि कनूनों के खिलाफ चल रहा है, जिसे भारत की संसद द्वारा सितंबर 2020 में पारित किया गया था। किसानों और किसान संघटनों और उनके प्रतिनिधियों ने मांग की है कि कानूनों को वापस लिया जाए और कहा है कि जब तक कानून वापस नहीं होते वो प्रदर्शन करते रहेंगे।

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