Bulli Bai app मामले में मुंबई पुलिस के आयुक्त हेमंत नगराले ने एक प्रेसवार्ता में बताया कि इस केस में अब तक कुल तीन लोगों की गिरफ्तारी हुई है। मुंबई पुलिस इस मामले में अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है।
हेमंत नगराले ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया कि Bulli Bai app मामले में गिरफ्तार किये गये तीन लोगों में विशाल कुमार झा और श्वेता सिंह शामिल हैं।
वहीं पकड़ा गया तीसरा आरोपी श्वेता सिंह का मित्र है। पुलिस को आशंका है कि इस मामले में अभी कुछ और लोग भी शामिल हो सकते हैं, इसलिए पुलिस मामले की गहन पड़ताल में जुटी हुई है।
Bulli Bai app मामले में पुलिस आयुक्त हेमंत नगराले ने बताया कि आरोपी महिलाओं को बदनाम कर रहे थे
पुलिस आयुक्त हेमंत नगराले ने बताया कि पुलिस ने इन लोगों को अलग-अलग जगहों से पकड़ा है। नगराले के मुताबिक पकड़े गये आरोपियों ने गहरे षणयंत्र के तहत कुछ विशिष्ट समाज की महिलाओं की तस्वीरों को सोशल मीडिया पर अपलोड किया।

जिसके बाद उस पर आपत्तिजनक संदेश लिखकर उनकी इज्जत के बदनाम करने की साजिश की जाती थी। आरोपियों का प्रयास था कि इससे इनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचे और सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ जाए।
Bulli Bai app के पांच ट्विटर हैंडल भी बनाये गए थे और उन पर सिख समाज से संबंधित तस्वीरें लगायी गई थीं। पकड़ा गये आरोपी विशाल समेत इस बुली बाई एप के कुल पांच फॉलोवर थे जिनकी तलाश की जा रही है।
Bulli Bai app मालमें पुलिस ने विशाल, श्वेता व एक अन्य आरोपी को पकड़ा
मालूम हो कि मुंबई साइबर पुलिस ने Bulli Bai app मामले में विशाल और श्वेता के अलावा उत्तराखंड से एक और छात्र को गिरफ्तार किया है। एक पुलिस अधिकारी ने इस मामले में बताया कि 21 साल के मयंक रावल नामक छात्र को बुधवार के तड़के उत्तराखंड से पकड़ा गया है।
मयंक से पहले मुंबई पुलिस के साइबर सेल ने 19 साल की मुख्य आरोपी श्वेता सिंह को उत्तराखंड से और 21 साल के इंजीनियरिंग के छात्र विशाल कुमार झा को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था।
मालूम हो कि मुंबई पुलिस ने ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म ‘गिटहब’ पर डाले गए ‘Bulli Bai app’ ऐप पर ‘नीलामी’ के लिए अनुमति लिए बिना सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की फर्जी तस्वीरें अपलोड किए जाने से संबंधित शिकायतों के बाद अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
वैसे ‘Bulli Bai app’ से वास्तव में किसी ‘नीलामी’ या ‘बिक्री’ को अंजाम नहीं दिया गया है लेकिन इस ऐप से महिलाओं और खासकर मुस्लिम महिलाओं को अपमानित करने और उनकी प्रतिष्ठा को समाज में धूमिल करने का घिनौना प्रयास जरूर किया गया है।
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