Madhya Pradesh News: पेंच टाइगर रिजर्व में 29 शावकों की ‘सुपर मॉम’ कॉलर वाली बाघिन टी-15 माताराम (17) की शनिवार को मौत हो गई थी। दो दिनों से बीमार बाघिन टी-15 की रविवार को ससम्मान अंत्येष्टि की गई। बता दें कि बाघ मुन्ना के बाद सबसे ज्यादा उम्र और एक साथ 5 शावकों को जन्म देने का रिकॉर्ड भी इसी बाघिन के नाम है। बता दें कि बाघिन टी 15 “कॉलरवाली” 29 शावकों की सुपर मॉम पेंच टाइगर रिजर्व में बुढ़ापे से संबंधित समस्याओं के कारण मर गई।
Madhya Pradesh News: Collarwali को अंतिम बार पर्यटकों ने 14 जनवरी को देखा
राज्य वन विभाग के सूत्रों के अनुसार पिछले दो दिनों से बीमार 16 साल से अधिक उम्र की बाघिन को अंतिम बार पर्यटकों ने 14 जनवरी को सीताघाट क्षेत्र में जमीन पर पड़ा देखा था। तब से वह चौबीसों घंटे पशु चिकित्सा विशेषज्ञों की निगरानी में थी, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद शनिवार की शाम करीब साढ़े छह बजे उसकी मौत हो गई। रविवार को आधिकारिक तौर पर दिग्गज बाघिन की मौत की पुष्टि की गई।
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मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दिग्गज बाघिन की मौत पर दुख जताते हुए रविवार को ट्वीट किया था कि ‘सुपर मॉम को आखिरी सलाम। 29 शावकों को जन्म देने वाली सुपर मॉम के महत्वपूर्ण योगदान के उल्लेख के बिना मध्य प्रदेश के बेशकीमती टाइगर स्टेट स्टेटस पर कोई भी बात अधूरी होगी।
Madhya Pradesh News: बाघिन के लिए 16 साल से अधिक जिना दुर्लभ
गौरतलब है कि पेंच टाइगर रिजर्व के प्रमुख आकर्षणों में से एक माना जाता है, कॉलरवाली (टी -15) का जन्म 2005 में टी -7 उर्फ बदीमाड़ा से हुआ था। इसने 2006-07 से 29 शावकों को जन्म दिया था। बता दें कि 2008 में, जब मध्यप्रदेश में पन्ना टाइगर रिजर्व केवल बाघ-रहित हो गया, यह कॉलरवाली के मादा शावकों में से एक को वहां के आबादी को पुनर्जीवित करने के लिए पन्ना भेजा गया था। मध्य प्रदेश के वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक एक बाघिन के लिए 16 साल से अधिक समय तक जीवित रहना दुर्लभ है। इससे पहले लिंक-7 और चुहुरी भी कान्हा नेशनल पार्क में इतने साल तक जीवित रहे थे।
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