दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन से मुलाकात की। दरअसल केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल अभियान चला रहे हैं। जिसका उद्देश्य देश की राजधानी में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण करना है।
सीएम केजरीवाल ने कहा, “अगर निर्वाचित सरकार का नौकरशाहों पर नियंत्रण नहीं है, तो निर्वाचित सरकार होने का कोई मतलब नहीं है। इतिहास में पहली बार, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया। यह असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक है।”
इस दौरान बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी शामिल हुए। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, “यह अध्यादेश मानसून सत्र में आएगा। राज्यसभा में उनके पास 93 सीटें हैं, अगर सभी गैर-भाजपा दल आते हैं, तो हम उन्हें हरा पाएंगे। मैं एमके स्टालिन के समर्थन के लिए आभारी हूं। हर गुजरते दिन, मैं अधिक से अधिक आत्मविश्वास महसूस कर रहा हूं और यह 2024 का सेमीफाइनल है।”
बता दें कि अभियान के तहत केजरीवाल शुक्रवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलने वाले हैं। केजरीवाल पहले ही ममता बनर्जी, शरद पवार, उद्धव ठाकरे, नीतीश कुमार और उनके डिप्टी तेजस्वी यादव सहित कई प्रभावशाली राजनीतिक हस्तियों से मिल चुके हैं।