Harish Rawat: शुक्रवार को कांग्रेस नेता हरीश रावत (Harish Rawat) ने राहुल गांधी के आवास पर पार्टी नेतृत्व के साथ बैठक में हिस्सा लिया। बैठक समाप्त होने के बाद उन्होंने नारा दिया है कि “कदम, कदम बढ़ाए जा, कांग्रेस के गीत गए जा…।” बता दें कि राहुल गांधी के आवास पर उत्तराखंड कांग्रेस नेताओं की बैठक थी।रावत को उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से स्टार प्रचारक बनाया जाएगा।

राहुल गांधी से मुलाकात के बात रावत ने गाते हुए कहा, ‘कदम-कदम बढ़ाए जा, कांग्रेस के गीत गाए जा ,ये जिंदगी उत्तराखंड के वास्ते, उत्तराखंड पर लुटाए जा।’ उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस के गीत गाएंगे और उत्तराखंड पर जिंदगी लुटाएंगे। रावत ने कहा कि उत्तराखंड के प्रस्तावित चुनाव के मद्देनजर हमारे नेता राहुल गांधी के साथ सभी की बैठक हुई थी। इसमें तय हुआ कि आगामी चुनाव में कैंपेन कमेटी के चेयरमैन हरीश रावत होंगे।
Harish Rawat ने पद छोड़ने की पेशकश की थी
कुछ समय पहले ही हरीश रावत ने पंजाब प्रभारी का पद छोड़ने की पेशकश की थी। उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट कर पार्टी आलाकमान को उन्हें उत्तराखंड (Uttarakhand) में समय देने के लिए पद मुक्त करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि मैं उत्तराखंड को पूर्ण रूप से समर्पित रह सकूं। इसलिए पंजाब में जो मेरा वर्तमान दायित्व है, उस दायित्व से मुझे अब मुक्त कर दिया जाए। आज्ञा पार्टी नेतृत्व की, विनती हरीश रावत की। “जय कांग्रेस पार्टी”।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) के पंजाब के प्रभारी रहते हुए राज्य में कांग्रेस के अंदर राजनीतिक उठापटक और बहुत खींचतान रही। पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को सीएम पद से हटाने के खिलाफ विद्रोह हुआ। नवजोत सिद्धू ने अमरिंदर के साथ मतभेद के बाद कैबिनेट छोड़ दिया था। अमरिंदर सिंह के कड़े विरोध के बावजूद भी सिद्धू को पीपीसीसी प्रमुख नियुक्त किया गया था।
नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने के कुछ दिन बाद ही अचानक कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस्तीफा दे दिया यह कहते हुए कि कांग्रेस पार्टी उन्हें हटाने वाली थी। इसके बाद चरणजीत सिंह चन्नी को राज्य का नया और पहला दलित मुख्यमंत्री बनाया गया। चन्नी के मुख्यमंत्री बनने के कुछ दिन बाद फिर नवजोत सिंह सिद्धू रूठ गए और सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करते हुए कहा कि बहुत सारी बातें पूरी नहीं हो पाई इसलिए मैं इस्तीफा दे रहा हूं। हांलाकि नवजोत सिंह सिद्धू अभी भी पीपीसीसी प्रमुख हैं।
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