नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने को लेकर विपक्ष पर जमकर बरसे पूर्व कांग्रेस नेता, कहा- अगर मैं दिल्ली में होता तो…

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Ghulam Nabi Azad
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पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने के लिए विपक्ष की आलोचना की। उन्होंने रिकॉर्ड समय में निर्माण के लिए सरकार को बधाई दी। गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘अगर मैं दिल्ली में होता तो नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में जरूर शामिल होता। मैं इस फैसले का पूरी तरह से स्वागत करता हूं। विपक्ष को उद्घाटन का बहिष्कार करने के बजाय सरकार को बधाई देनी चाहिए थी। नहीं कर पा रहे थे, इस सरकार ने कर दिखाया है। मैं विपक्ष के इसका बहिष्कार करने के सख्त खिलाफ हूं।”

फैसले को “बहुत जरूरी” बताते हुए उन्होंने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान वह भी एक नया संसद भवन चाहते थे। उन्होंने कहा, “23 साल पहले हमने यह सपना देखा था। मैं तब संसदीय कार्य मंत्री था। मैंने शिवराज पाटिल और पूर्व पीएम नरसिम्हा राव से भी इस बारे में चर्चा की थी। हमने नक्शा भी तैयार किया था, लेकिन काम नहीं हो सका। इसलिए, अगर अभी नया संसद भवन बना है, वह भी इतना बड़ा, तो बहुत अच्छा है।”

आजाद ने कहा, “इस फैसले की बहुत जरूरत थी क्योंकि सांसदों की संख्या लगभग दोगुनी होने जा रही है और पुरानी संसद इसके लिए पर्याप्त नहीं है। मैं सरकार को रिकॉर्ड समय में निर्माण पूरा करने के लिए भी बधाई देता हूं। आमतौर पर संसदों का निर्माण इतनी तेजी से नहीं होता है।”
कांग्रेस के पूर्व नेता ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन संसद का उद्घाटन करता है।

आजाद ने कहा, “इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि प्रधानमंत्री उद्घाटन करते हैं या राष्ट्रपति। इसके अलावा, भाजपा ने राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी का समर्थन किया। अगर विपक्ष में उनके लिए इतना सम्मान था, तो उन्होंने उनके खिलाफ उम्मीदवार क्यों खड़ा किया।”

उन्होंने कहा, “विपक्ष अप्रासंगिक मुद्दों को उठा रहा है। कई वास्तविक मुद्दे हैं, लेकिन विपक्ष उन पर ध्यान केंद्रित नहीं कर रहा है। इसके बजाय, विपक्ष को ऐसे मुद्दों को उठाना चाहिए जो वास्तव में लोगों को प्रभावित करते हैं। इससे जनता को कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन उद्घाटन करता है।”

बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी कल नए संसद भवन को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। पीएम के साथ, उद्घाटन का नेतृत्व लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला करेंगे। नए संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर पीएम मोदी संसद भवन में ऐतिहासिक और पवित्र ‘सेंगोल’ की स्थापना करेंगे।

कांग्रेस और 20 अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने सरकार पर इस आयोजन के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को “दरकिनार” करने का आरोप लगाया है और कहा है कि वे उद्घाटन समारोह का “बहिष्कार” करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर, 2020 को नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी।

भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए संसद के नवनिर्मित भवन में लोकसभा में 888 और राज्य सभा में 384 सदस्यों की बैठक कराने की व्यवस्था की गई है। दोनों सदनों का संयुक्त सत्र लोकसभा कक्ष में होगा।

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