Freebies Politics: सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश और राजस्थान में विधानसभा चुनावों से पहले ‘मुफ्त की रेवड़ियां’ बांटने का आरोप लगाने वाली जनहित याचिका पर दोनों राज्य सरकारों से शुक्रवार (6 अक्टूबर) को जवाब मांगा। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने जनहित याचिका पर केंद्र सरकार, निर्वाचन आयोग तथा भारतीय रिजर्व बैंक को भी नोटिस जारी किया। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि दोनों राज्यों की सरकारें वोटरों को लालच देने के लिए करदाताओं के पैसों का दुरुपयोग कर रही हैं।
Freebies Politics: “चुनाव से पहले नकदी बांटने से ज्यादा खराब और कुछ नहीं…”
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि ‘चुनाव से पहले सरकार के नकदी बांटने से ज्यादा खराब और कुछ नहीं हो सकता। हर बार यह होता है और इसका बोझ आखिरकार करदाताओं पर आता है।’ इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि ‘नोटिस जारी करिए। चार हफ्ते के भीतर जवाब दीजिए।’
बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने भट्टूलाल जैन की जनहित याचिका पर सुनवाई की और इसे मामले पर लंबित एक अन्य याचिका के साथ जोड़ने का आदेश दिया। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि चुनावों के ठीक 6 महीने पहले मुफ्त चीजें, जैसे- टैब इत्यादि बांटा जाता है और राज्य सरकारें इसे जनहित का नाम देती हैं।
Freebies Politics: चुनाव से पहले हर तरह के वादे किए जाते हैं -CJI
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि चुनाव से पहले हर तरह के वादे किए जाते हैं और हम इस पर नियंत्रण नहीं कर सकते। हम इसे अश्विनी उपाध्याय की याचिका के साथ टैग करेंगे, लेकिन आपने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय आदि को पक्षकार बनाया है। आपको सरकार को पक्षकार बनाने की जरूरत है और आरबीआई, महालेखा परीक्षक आदि को पक्षकार बनाने की जरूरत है।
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