एयरसेल मैक्सिस डील मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की भूमिका की जांच रिपोर्ट को सौंप दी है। चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) का उल्लंघन किया है। डील से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में ईडी ने अपनी जांच की रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर को दाखिल की है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 2मई को होगी।

इससे पहले पी चिदंबरम के खिलाफ आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट ने सबूत मांगे थे। याचिकाकर्ता बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दो हफ्ते में सबूत पेश करने को कहा था। कोर्ट ने कहा था कि हम देश के छोटे से छोटे और बड़े से बड़े व्यक्ति को तभी नोटिस जारी करेंगे जब मामले से संबधित कोई सबूत होंगे।

दरअसल याचिकाकर्ता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने याचिका में आरोप लगाया है कि एयरसेल मैक्सिस डील में तत्कालीन वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कैबिनेट की अनुमति के बिना ही मंजूरी दी। जबकि ये डील 3500 करोड़ की थी।

गौरतलब है कि एयरसेल मैक्सिस डील में टूजी की विशेष अदालत ने पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन सहित अन्य को आरोप मुक्त किए जाने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से इनकार कर दिया था।

वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों की जब्त 750 करोड़ रुपये की संपत्ति को रिलीज करने की इजाजत दे दी थी। एयरसेल मेक्सिस से संबंधित दो मामले में नई दिल्ली स्थित एक विशेष अदालत ने फैसला सुनाते हुए पूर्व केंद्रीय दूरसंचार दयानिधि मारन और उनके भाई कलानिधि मारन सहित सभी आरोपियों को बरी कर दिया।

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