देश की राजधानी Delhi में नीट पीजी 2021 (Neet–PG 2021) काउंसलिंग में देरी को लेकर आंदोलन कर रहे रेजिडेंट डॉक्टरों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई है। जिसके विरोध में फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FIMA) ने 29 दिसंबर को सुबह 8 बजे से देश भर में सभी स्वास्थ्य सेवाओं को पूरी तरह से बंद करने का आह्वान किया है।
जानकारी के मुताबिक रेजिडेंट डॉक्टरों ने Neet–PG 2021 काउंसलिंग को लेकर सोमवार को सांकेतिक तौर पर ‘अपने लैब कोट लौटा दिया’ और मार्च के लिए मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (एमएएमसी) परिसर से सुप्रीम कोर्ट की ओर निकल पड़े। इस बीच Delhi पुलिस ने उन्हें रोक दिया। थोड़ी देर में डॉक्टरों और पुलिसकर्मियों के बीच हाथापाई शुरू हो गई।
Delhi में रेजिडेंट डॉक्टर्स कई दिनों से नीट-पीजी 2021 को लेकर हड़ताल कर रहे हैं
जिसके बाद कथित तौर पर पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों पर कथित लाठीचार्ज कर दिया। जिसमें कई डॉक्टरों को चोट भी लगी। हालांकि Delhi पुलिस ने लाठीचार्ज के आरोपों से इनकार किया है। इस मामले में पुलिस ने कुल 12 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है, जिन्हें बाद में रिहा कर दिया गया।
Delhi पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने छह से आठ घंटे तक आईटीओ रोड को जाम कर दिया। बार-बार अनुरोध के बाद भी डॉक्टरों ने प्रदर्शन स्थल को नहीं छोड़ा और फिर आक्रामक होकर हाथापाई करने लगे। वहीं झड़प के बाद दोनों पक्षों की ओर से दावा किया गया कि उनकी ओर के कई लोग घायल हुए हैं।

पुलिस का आरोप है कि डॉक्टरों के साथ झड़प में कुल 7 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और पुलिस बस के शीशे टूट गए हैं। पुलिस ने बताया कि घटना के संबंध में एफआईआर भी दर्ज की गई है।
FIMA ने मामले में Delhi पुलिस की आलोचना की है
वहीं FIMA ने इस मामले में दिल्ली पुलिस के दमनकारी रवैये की कड़ी आलोचना की है। उनकी ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मेडिकल पेशे के लोगों के इतिहास में ये काला दिन है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया है कि रेजिडेंट डॉक्टर नीट पीजी काउंसलिंग 2021 की प्रक्रिया तेज करने की मांग को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन उन्हें बुरी तरह पीटा गया और पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया।
FIMA ने बयान में कहा गया है कि आज से सभी मेडिकल सुविधाएं पूरी तरह बंद रहेंगी। वहीं रात में पुलिस ने बताया कि बड़ी संख्या में रेजिडेंट डॉक्टरों ने सरोजनी नगर थाने का घेराव किया, लेकिन किसी को हिरासत में नहीं लिया गया है। वहीं दूसरी ओर डॉक्टरों का दावा है कि जब उन्होंने सफदरजंग अस्पताल से केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के आधिकारिक आवास तक मार्च निकालने का प्रयास किया तो पुलिस ने बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया।
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