सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस आदर्श कुमार गोयल के खिलाफ दलित सांसदों ने मोर्चा खोल दिया है। सभी सांसदों ने एकसुर में जस्टिस गोयल को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी के अध्यक्ष पद से हटाने की मांग की है। केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने तो बाकायदा गृहमंत्री राजनाथ सिंह को इस बाबत पत्र भी लिखा है। अपने पत्र में पासवान ने लिखा है कि दलित अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था ऑल इंडिया अंबेडकर महासभा ने जस्टिस गोयल को हटाने की मांग की है। 23 जुलाई को केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के आवास पर एनडीए के करीब 25 दलित सांसदों ने बैठक की थी। बैठक में नरेंद्र मोदी सरकार के उस फैसले की आलोचना की थी जिसमें जस्टिस गोयल को एनजीटी की अध्यक्ष बनाया गया था। उन्होंने लिखा है कि दलित संगठन फिर से 9 अगस्त को देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन करने वाले हैं। बीजेपी सांसद उदित राज ने भी पासवान की चिट्ठी में उठाए गए मुद्दों का समर्थन किया है और कहा है कि दलित समुदाय कई मुद्दों पर नाराज है।

रामविलास पासवान के बेटे और एलजेपी सांसद चिराग पासवान ने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर जस्टिस गोयल को हटाने की मांग की है। चिराग पासवान ने अपने पत्र में लिखा है कि 2 अप्रैल की घटना की पुनरावृति न हो, इसके लिए सरकार को तुरंत जस्टिस ए के गोयल को एनजीटी के अध्यक्ष पद से हटा देना चाहिए। 2 अप्रैल को देशभर के दलित संगठनों ने राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान किया था। इसमें बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी। जस्टिस गोयल और जस्टिस यूयू दलित की खंडपीठ ने 20 मार्च को एससी-एसटी एक्ट के तहत होने वाली त्वरित और खुद गिरफ्तारी और आपराधिक मामला दर्ज करने पर रोक लगा दी थी। इसके अलावा कोर्ट ने इसे लेकर नई गाइडलाइंस भी जारी की थी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को दलित समुदाय ने अपने अधिकारों की कटौती समझा और देसभर में इसके खिलाफ गुस्सा जाहिर किया।

एपीएन ब्यूरो

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