Congress President Result: कांग्रेस के नए अध्यक्ष के रूप में मल्लिकार्जुन खड़गे जीत गए हैं। खड़गे को 7897 वोट मिले। वहीं, शशि थरूर को 1072 वोट मिले, जबकि 416 वोट रद्द हो गए। कुल 9385 नेताओं ने 17 अक्टूबर को वोट डाला था। करीब 24 साल के बाद कोई गैर गांधी परिवार से इतर अध्यक्ष पद पर बैठेगा। आज शशि थरूर और मल्लिकार्जुन खड़गे की किस्मत का फैसला होगा कि आखिर किसके सर अध्यक्ष का ताज सजेगा।
गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए वोटों कि गिनती आज सुबह 10 बजे शुरू होगी। करीब करीब 24 साल पहले सीताराम केसरी ऐसे अध्यक्ष थे, जो गांधी परिवार से नहीं थे। उनके बाद अब कांग्रेस में ऐसा दूसरा अध्यक्ष चुना जाएगा। कांग्रेस के 137 साल के इतिहास में अध्यक्ष पद के लिए छठी बार चुनाव हो रहा है।
बता दें कि 17 अक्टूबर को कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए वोट डाले गए थे। जिसके बाद अब पार्टी मुख्यालय में वोटों की गिनती होगी और नए अध्यक्ष के नाम का ऐलान किया जाएगा। हालांकि, यह तय है कि थरूर और खड़गे में से जो अध्यक्ष की कुर्सी संभालेगा उसके सामने कई चुनौतियां है, जिसका सामना उसे करना पड़ेगा।
Congress President Result: नए अध्यक्ष के सामने ये बड़ी चुनौतियां
नए कांग्रेस अध्यक्ष की सबसे बड़ी चुनौती आगामी चुनाव है। देश के दो अहम राज्यों गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। नए अध्यक्ष के लिए यही उनकी पहली परीक्षा होगी। दोनों राज्यों में पार्टी कार्यकर्ताओं में जान फूंकने और टिकट बंटवारे तक की जिम्मेदारी अध्यक्ष की होगी। ऐसे में अध्यक्ष के लिए खुद को साबित करने की बड़ी चुनौती होगी।
वहीं राजस्थान में अगले एक साल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, लेकिन इससे पहले प्रदेश कांग्रेस में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। यहां सीएम अशोक गहलोत और पार्टी के नेता सचिन पायलट के बीच जमकर सियासी घमासान मचा हुआ है। दोनों नेता एक दूसरे के खिलाफ खुलकर बयानबाजी कर रहे हैं और पार्टी आलाकमान इसका समाधान नहीं कर पाया।
अब कांग्रेस के नए अध्यक्ष के लिए इस लड़ाई को खत्म करना भी एक चुनौती होगा। अध्यक्ष पद के लिए नाम सामने आने के बाद अशोक गहलोत पहले ही अपने इरादे साफ कर चुके हैं, वहीं पायलट की बगावत से पार्टी पहले से ही वाकिफ है। ऐसे में चुनाव से ठीक पहले राजस्थान में कांग्रेस क्या फैसला लेती है, इस पर सभी की नजरें टिकीं हैं।
नए कांग्रेस अध्यक्ष के लिए राज्यों में कांग्रेस को मजबूती देने की भी बड़ी चुनौती होगी। लगातार मिल रही हार से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश की कमी है, ऐसे में उन कार्यकर्ताओं को बूथ लेवल पर एक्टिव करना काफी जरूरी है।
बता दें कि नए अध्यक्ष के लिए एक बड़ी चुनौती ये होगी कि कैसे वो कांग्रेस में जारी कलह को खत्म कर सकते हैं। पार्टी को लगातार चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में तमाम बड़े और छोटे नेता पार्टी छोड़कर जा रहे हैं। ऐसे नेताओं को रोक पाना भी नए अध्यक्ष के लिए एक बड़ी चुनौती की तरह है।
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