चीन इन दिनों भारत को अंतराष्ट्रीय स्तर पर कमजोर और पाकिस्तान को मजबूत बनाने की कोशिश कर रहा है। एक तरफ चीन ने कहा कि भारत का परमाणु रिकॉर्ड बेहतर है पर हम पाकिस्तान को भी नज़रअंदाज नही कर सकते। वहीं दूसरी तरफ चीन ने पाकिस्तान को BRICS में शामिल करने की सिफारिश करके भारत को कमजोर बनाने की रणनीति पर काम कर रहा है।

ब्रिक्स में अभी तक भारत, चीन, ब्राजीस, रूस और दक्षिण अफ्रीका शामिल है, लेकिन अब इस समूह में चीन कुछ विकासील देशों को भी शामिल करना चाहता है। एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, अमेरिका के होनोलुलु स्थित एशिया-पैसिफिक सेंटर फॉर सिक्यॉरिटी स्टडीज के प्रोफेसर मोहन मलिक का कहना है कि चीन ब्रिक्स प्लस बैनर के जरिए पाकिस्तान, श्रीलंका और मेक्सिको जैसे अपने करीबी देशों को ब्रिक्स के विस्तार के लिए आमंत्रित कर सकता है। जानकारों की माने तो ब्रिक्स प्लस के जरिए भारत को कमजोर और खुद को हावी करना चाहता है इसलिए शायद भारत, चीन के ब्रिक्स प्लस का समर्थन ना करे।

वहीं दूसरी ओर दिल्ली में आयोजित एक कार्रयक्रम में चीन के सरकारी अधिकारी ने कहा कि भारत का परमाणु रिकॉर्ड पाकिस्तान के मुकाबले बेहतर है पर 48 देशों के NSG ग्रुप में नए देश को शामिल करते वक्त किसी तरह का भेदभाव नहीं कर किया जाना चाहिए। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य जियांग्वू ने दिल्ली में आयोजित 19वें एशियाई सुरक्षा सम्मेलन में कहा कि एनएसजी की सदस्यता के लिए दोनों देशों की स्थिति एक समान है और दोनों को ही इस क्षेत्र में बराबर का मौका मिलना चाहिए ताकि वे वैश्विक स्तर पर परमाणु क्षेत्र से जुड़े आर्थिक और तकनीकि फैसले ले सकें।

जियांग्वू ने कहा कि यूएन में अगर चीन भारत की एनएसजी सदस्यता के लिए समर्थन करेगा तो पाकिस्तान को क्यों नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत के साथ-साथ पाकिस्तान भी चीन का दोस्त है उसके साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। इस मुद्दे पर चीन की अपनी स्थिति है और वो सभी के सामने स्पष्ट है। भारत-चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद पर चीनी अधिकारी ने कहा कि यह एक जटिल समस्या है, इसका हल जल्द ही निकालना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर भारत इस दिशा में कोई बेहतर पहल करता है तो चीन भी उसे आगे बढ़ाने में सहमत है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here