संसद का शीतकालीन सत्र (Winter Session) संसदीय मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCPA) ने 29 नवंबर से 23 दिसंबर तक आयोजित करने की सिफारिश की है। पिछले साल Covid 19 महामारी के मद्देनजर संसद का शीतकालीन सत्र आयोजित नहीं किया गया था। सत्र में लगभग 20 बैठकें होने की संभावना है और यह क्रिसमस से पहले समाप्त हो जाएगा। कोरोना महामारी को देखते हुए ऐसी संभावना है कि सभी सदस्य सामाजिक दूरी के मानदंडों का पालन करेंगे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) की अध्यक्षता वाली संसद मामलों की कैबिनेट समिति (CCPA) ने Parliament का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से 23 दिसंबर तक करवाने की सिफारिश की है।
बता दे कि ससंद का शीतकालीन सत्र राजनीतिक रूप से बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके कुछ महीने बाद उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होंगे जिसे 2024 के आम चुनावों के सेमीफाइनल के रूप में देखा जाता है।
मानसून सत्र में हुआ था हंगामा
संसद का मानसून सत्र (Monsoon Session) 19 जुलाई से शुरू होकर 11 अगस्त तक चला था। 13 अगस्त की निर्धारित तिथि से दो दिन पहले ही मानसून सत्र को समाप्त करते हुए लोकसभा (Lok Sabha) को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था। मानसून सत्र की बात करें तो इसमें विपक्ष ने सदन में बहुत ज्यादा हंगामा किया था। उन्होंने सरकार को पेगासस, देश में बढ़ती मंहगाई, कृषि कानून और कई मुद्दों पर घेरा था। मानसून सत्र में विपक्ष कई मौकों पर एकजुट भी दिखाई दिया। मानसून सत्र के दौरान कई सांसद साइकिल पर सवार होके सदन भी पहुंचे थे।