NITI आयोग द्वारा बिहार को पिछड़ा राज्य कहे जाने पर सूबे के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का कहना है कि उनकी कोशिशों के बाद भी राज्य में विकास की रफ्तार धीमी है। मालूम हो कि नीति आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि भारत में सबसे ज्यादा गरीबी बिहार में है। बिहार की 51.91 प्रतिशत जनसंख्या गरीब है। आज सीएम ने कहा कि राज्य की आबादी के मुताबिक विकास दर नाकाफी साबित हो रही है।
विशेष राज्य का दर्जा दिया जाए: नीतीश कुमार
उन्होंने कहा कि 2004-05 में प्रति व्यक्ति आय 7,914 रुपये थी, जो 2019-20 में बढ़कर 50,735 रुपये हो गई। हमारे प्रयासों के बावजूद, बिहार की जनसंख्या और क्षेत्रफल को ध्यान में रखते हुए विकास दर पर्याप्त नहीं है। NITI Aayog का कहना है कि बिहार एक पिछड़ा राज्य है। इसलिए हम मांग करते हैं विशेष राज्य का दर्जा दिया जाए। उन्होंने कहा- “बिहार का सबसे पीछे होने का कारण बिहार का क्षेत्रफल देश के अन्य राज्यों में 12वें नंबर पर है और आबादी में पूरे देश में तीसरे नंबर पर है। कुछ दिन में ये दूसरे नंबर पर पहुंच जाएगा। सबसे पीछे हैं इसलिए हमने एक रिपोर्ट भेजी है ताकि और विकास हो सके”।
बिहार के मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान राज्य ने काफी प्रगति की है। उन्होंने कहा- “2005 के बाद से हम बिहार के विकास के लिए बहुत काम कर रहे हैं। 2004-05 में बजट 23,875 करोड़ था और 2021-22 में राज्य सरकार का बजट 2,18,000 करोड़ का है। 2004-05 में प्रति व्यक्ति आय 7,914 रुपए और 2019-20 तक ये बढ़कर प्रति व्यक्ति आय 50,735 रु. हो गयी है”।