राम मंदिर अपने आप में एक बड़ी सियासत है। पिछले कुछ दिनों में तो यह मुद्दा और उफान पर है। अब राष्ट्रीय स्वयं सेवक प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर पर बड़ा बयान दिया है, जिसके बाद इस पर सियासत भी तेज हो सकती है। मोहन भागवत ने कहा है कि राम जन्मभूमि पर ही मंदिर बनेगा, मंदिर के अलावा वहां कुछ नहीं बनेगा।
दरअसल मोहन भागवत उडुपी में आयोजित तीन दिवसीय धर्म संसद का उद्घाटन करने गए थे जहां उन्होंने राम मंदिर के मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण पर किसी को दुविधा नहीं होनी चाहिए। भागवत ने कहा कि ”हमलोग राम मंदिर बनाएंगे। यह कोई लोकप्रिया घोषणा नहीं है, बल्कि यह हमारी आस्था का विषय है और इसमें कोई बदलाव नहीं होगा।
वहीं अब आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के इस बयान पर मुस्लिम संगठनों ने कड़ा ऐतराज जाहिर किया है। साथ ही उनके इस बयान को सुप्रीम कोर्ट को चुनौती करार दिया है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना खालिद सैफुल्ला रहमानी ने न्यूज एजेंसी को बताया, ‘बोर्ड अदालत पर यकीन रखता है और उसके फैसले के मुताबिक अमल की कोशिश करेगा। भागवत ने यह बयान देकर कानून को अपने हाथ में लिया है।’
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि वर्षों की कोशिश और त्याग के बाद अब राम मंदिर का निर्माण सच होता प्रतीत हो रहा है। भागवत ने कहा कि मंदिर निर्माण से पहले लोगों में जागरूकता ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण को लेकर को वो लक्ष्य के क़रीब हैं, लेकिन ऐसे वक़्त में और सतर्क रहने की ज़रूरत है।
वहीं भगवात के इस बयान पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) के मुखिया और हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इसको लेकर संघ और बीजेपी पर निशाना साधा। ओवैसी ने दावा किया है कि संघ और बीजेपी राम मंदिर पर ‘निंदनीय’ बयान देकर गुजरात चुनाव में इसका राजनीतिक फायदा लेना चाहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस आग से खेल रहा है और सुप्रीम कोर्ट इस पर संज्ञान लेगा। वहीं बीजेपी सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने भागवत को बड़ा दूरदर्शी बताते हुए कहा कि संघ प्रमुख सौ फीसदी सही बोल रहे हैं।
गौरतलब है कि इस दौरान मोहन भागवत ने इस मसले पर श्री श्री रविशंकर की मध्यस्थता पर भी सवाल उठा दिए। उन्होंने कहा कि अयोध्या में वैसा ही भव्य मंदिर बनेगा, जैसा कि पूर्व में कभी बना था और श्री श्री का इस विवाद से कोई लेना देना नहीं है।