मोदी सरकार को आए तीन साल से ज्यादा हो गए हैं। ऐसे में उनकी सरकार ने कई योजनाओं का शुभांरभ किया जिसमें से कई योजनाओं ने जमीनी स्तर पर असर भी दिखाना शुरू कर दिया है। हालांकि कुछ योजनाएं जैसे नोटबंदी,जीएसटी आदि  सरकार के प्लानिंग के तहत खरे नहीं उतरे हैं। किंतु सरकार के अनुसार इन योजनाओं के लाभ बाद में देखने को मिलेंगे। लेकिन इस समय जिन योजनाओं ने सबसे ज्यादा सकारात्मक प्रभाव डाला है, वो है उज्जवला योजना और जन-धन योजना। बुधवार को  वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पिछले तीन साल में जन धन योजना के तहत 30 करोड़ परिवारों के बैंक खाते खोले गए हैं।

यूनाइटेड नेशंस के फाइनेशियल इन्क्लूजन कॉन्क्लेव में बोलते हुए अरुण जेटली ने कहा कि इस योजना की शुरुआत से पहले करीब 42 प्रतिशत परिवार बैंक सेवा से जुड़े हुए नहीं थे। उन्होंने कहा कि जन धन योजना बैंक खाते खोलने की देश की सबसे बड़ी मुहिम है। इसका लक्ष्य सभी व्यावसायिक बैंकों में शून्य जमा अधिशेष पर खाते खोलकर प्रत्येक परिवार को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ना था। जेटली ने कहा कि जीरो डिपॉजिट बैलेंस वाले बैंक खातों का अनुपात 77 प्रतिशत से घटकर 20 प्रतिशत रह गया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि  योजना की शुरुआत के तीन महीने बाद सितंबर 2014 में 76.81 प्रतिशत खातों में जमा राशि शून्य थी। अब इस तरह के खाते कम होकर 20 प्रतिशत रह गये हैं। उन्होंने जन धन योजना को श्रेय देते हुए कहा कि अब 99.99 प्रतिशत परिवारों के पास कम से कम एक बैंक खाता हैं। बता दें कि पीएम मोदी ने यह बात कही थी कि बीते तीन सालों में 30 करोड़ परिवार प्रधानमंत्री जन धन योजना से जुड़े हैं और उनके खातों में 65,000 करोड़ रुपये जमा हुए हैं। अरुण डेटली  नोटबंदी पर कहा कि नोटबंदी के कारण कैश का इस्तेमाल कम होने लगा है। लोगों ने डिजिटल पैमेंट करना शुरू कर दिया है।

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