पश्चिम बंगाल में चुनाव खत्म हो गया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दूसरी बार सत्ता के सिंहासन पर विराजमान हैं। राज्य एक बार फिर चर्चा का विषय बना हुआ है। कारण है वहां की जनता का पलायन, 5 मई को राज्य में हुई हिंसा के कारण लोग पलायन कर रहे हैं। इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट सख्त हो गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई भयंकर हिंसा के कारण राज्य से लोगों के कथित पलायन को रोकने के अनुरोध वाली याचिका पर मंगलवार को केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार से जवाब मांगा। इस याचिका में न्यायालय से अनुरोध किया गया है कि राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित हिंसा के कारण राज्य से लोगों का कथित पलायन रोकने के लिए निर्देश दिए जाएं तथा इसकी जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया जाए और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।

गौरतलब है कि, चुनाव के बाद राज्य में हुई हिंसा को लेकर एसआईटी से जांच कराने की मांग की गई थी, इसी सिलसिले में कोर्ट में याचिका भी दायर की गई थी जिसमें बताया गया था कि लोगों में डर का माहौल है। लोग राज्य को छोड़ दूसरी जगह जा रहे हैं। याचिका पर सुनाई करते हुए कोर्ट ने ममता दीदी से जवाब मांगा है। अगली सुनवाई अब 7 जून को होने वाली है।

न्यायमूर्ति विनीत शरण तथा न्यायमूर्ति बी.आर. गवई की अवकाश पीठ ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) और राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) को इस मामले में पक्षकार बनाने का भी निर्देश दिया। इससे पहले, याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि एनएचआरसी और एनसीडब्ल्यू ने पश्चिम बंगाल में लोगों की स्थिति का जायजा लिया है।

नवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पिंकी आनंद ने कहा कि, राज्य में भारी संख्या में पलायन हो रहा है। कोर्ट को इस बात के तह तक जाना चाहिए साथ ही विस्थापित हुए लोगो को राहत पैकेज भी मिलना चाहिए।

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