Depression: भागदौड़ भरी जिंदगी, अनियमित दिनचर्या और बेवजह सोचना ये सभी अवसाद या डिप्रेशन के प्रमुख कारण होते हैं। लेकिन समय रहते इन पर ध्यान नहीं देने से ये दिक्कत बढ़ जाती है।डिप्रेशन को मानसिक स्वास्थ्य की गंभीर स्थिति के रूप में जाना जाता है। डॉक्टर्स के अनुसार मस्तिष्क में सेरोटोनिन नामक न्यूरोट्रांसमिटर के स्तर में आने वाली कमी अवसाद के खतरे को बढ़ा सकती है।
हालिया अध्ययन की रिपोर्ट में शोधकर्ताओं ने इस थ्योरी को खारिज करते हुए दावा किया है कि असल में सेरोटोनिन की कमी डिप्रेशन की स्थिति के लिए जिम्मेदार ही नहीं है।
अवसाद और उदासी जैसी भावनाओं के लिए मस्तिष्क में रासायनिक असंतुलन पर जोर दिया जाता रहा है।
इस सिद्धांत की शुरुआत 1960 के दशक की मानी जाती है जब डॉक्टरों ने मूड एन्हांसर दवाओं को प्रयोग में लाना शुरू किया, जो अवसाद की स्थिति में मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर सेरोटोनिन के स्तर को ठीक करने के लिए जानी जाती हैं। हालांकि हालिया अध्ययन ने इस सिद्धांत पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है। आइए जानते हैं कि अगर अवसाद के लिए सेरोटोनिन की कमी जिम्मेदार नहीं है तो आखिर डिप्रेशन का क्या कारण है?
Depression के कारण
Depression: स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार आजकल सभी की लाइफस्टाइल में तेजी से बदलाव आया है। दूसरा कोरोना के दौर के बाद भी लोगों को बेहद अकेलापन महसूस होने लगा। ये भी अनावश्यक रूप से तनाव या डिप्रेशन बढ़ाने का मुख्य कारण है। इसके साथ ही एक्सरसाइज और योग से दूर रहना, समाज से खुद को अलग रखना, किसी से बात न करना, बेवजह गुस्सा करना, क्षमता से अधिक सोचना, अपने मन के अंदर दूसरों के लिए गलत अवधारणा बनाना।ये प्रमुख वजहें हैं जिससे डिप्रेशन होता है। ऐसे में बेहद जरूरी है अपना ध्यान रखना और गलत विचारों से खुद को बचाना।
Depression में ऐसा करने से बचें
ओवर इटिंग: डिप्रेशन का शिकार होने पर अक्सर लोग ओवर इटिंग करने लगते हैं। तनाव की स्थिति में भले ही उन्हे भूख न लगी हो, लेकिन इसके बावजूद वह ज्यादा खा लेते हैं। ऐसा करने से शरीर को नुकसान होने लगता है।
शारीरिक और मानसिक तौर पर कई बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं।जैसे अनिद्रा, अपच की समस्या या पेट में गैस आदि हो सकती है। अवसाद जो एक तरह से आपकी मानसिक स्थिति होती है वह शारीरिक समस्याओं को भी बढ़ा देती है।
नशा न करें: तनाव या डिप्रेशन में लोग नशा करने लगते हैं। वह अधिक धूम्रपान या शराब का सेवन शुरू कर देते हैं। अवसाद या तनाव में अल्कोहल के सेवन से बचें।इसके स्थान पर डॉक्टर के पास जाएं।क्योंकि नशे की लत आपको काफी नुकसान पहुंचा सकती है।
खुद को अकेला न महसूस करें: तनाव या अवसाद की स्थिति में पीड़ित अकेला और उदास रहने लगता है। इस तरह के लक्षण को नजरअंदाज न करते हुए खुद को अकेला न होने दें। खुली हवा में निकलें। शुद्ध वातावरण को महसूस करें। कमरे में बंद रहने की बजाय परिवार या दोस्तों के साथ समय बिताने की कोशिश करें। लोगों से मिले और मन की भावनाओं को दबाएं नहीं, बल्कि खुलकर बात करें।
वर्चुअल डिस्ट्रेक्शन में समय न बिताएं: डिप्रेशन में लोग दूसरों से घुलने मिलने की बजाय अपना समय मोबाइल, लैपटॉप या वीडियो गेम्स में बिताते हैं। इससे स्ट्रेस बढ़ता है। इन चीजों से बचें और लोगों के साथ वक्त बिताएं।
Depression: से बचने के कारगर टिप्स
Depression: जितना हो सकें लाइट म्यूजिक सुनें, मन को शांत रखने का प्रयास करें। मन के अंदर नकारात्मक भावों को न आने दें। छोटे बच्चों, कुदरत या जिसे आप पसंद करते हैं।उसके साथ समय बिताने का प्रयास करें। ध्यान-योग करें, तैराकी करें, चाहें तो कोई अन्य आउटडोर एक्टिविटी भी कर सकते हैं। अच्छा साहित्य पढ़ सकते हैं। हेल्दी डाइट खाएं। ओमेगा 3 फैटी एसिड हमारे ब्रेन की फंक्शनिंग में सुधार करता है। यह मछली में भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
मछली खाने से डिप्रेशन के लक्षणों को कम किया जा सकता है।ओमेगा -3 नट्स, अलसी का तेल, हरे पत्तेदार सब्जियों में भी होता है. अगर आप शाकाहारी हैं तो इन चीजों का सेवन कर सकते हैं।
विटामिन डी की कमी होने पर डिप्रेशन का खतरा बढ़ जाता है।लिहाजा धूप से भी विटामिन डी ले सकते हैं, लेकिन भरपूर मात्रा में आपको खाने से ही मिलेगी। दूध और टोफू में विटामिन डी काफी मात्रा में होता है इसके सेवन से आपकी मेंटल हेल्थ बेहतर हो जाएगी।
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