G20 In India: वैश्विक संगठन जी20 की अध्यक्षता भारत कर रहा है। वहीं, इसको लेकर देश के कई राज्यों व शहरों में जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। मालूम हो कि जी20 को लेकर देश में 200 से अधिक बैठके होनी है, जो तय समय और तारीख के अनुसार हो रही हैं। शुक्रवार यानी 17 फरवरी को भारत के G20 सचिवालय ने नई दिल्ली में सुषमा स्वराज भवन में एक दिवसीय “मॉडल G20 बैठक” का आयोजन किया। यह बैठक पहला आधिकारिक मॉडल G20 कार्यक्रम, G20 बैठक का अनुकरण अभ्यास था, जहां स्कूली छात्रों ने G20, अतिथि देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों की भूमिका निभाईं।
G20 In India: 10 देशों सहित 60 से अधिक छात्रों ने लिया भाग
दिल्ली में जी20 के तहत बैठक आयोजित की गई। इसमें दिल्ली व एनसीआर से कुल 8 स्कूलों की भागीदारी देखी गई। इनमें ब्रिटिश स्कूल, केन्द्रीय विद्यालय सेक्टर 8 आरके पुरम, लीसी फ्रेंकिस इंटरनेशनल डे दिल्ली, मॉडर्न स्कूल बाराखंबा रोड, पाथवेज वर्ल्ड स्कूल गुरुग्राम, रूसी दूतावास स्कूल, रयान इंटरनेशनल स्कूल वसंत कुंज और स्प्रिंगडेल्स स्कूल धौला कुआं के छात्र शामिल रहे। बैठक में 10 जी20 देशों सहित 12 राष्ट्रीयताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले हाई स्कूल के 60 से अधिक छात्रों ने भाग लिया।
इस दौरान छात्रों ने “यूथ फॉर लाइफ (लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट)” विषय पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने जलवायु कार्रवाई के लिए LiFE पहल को एक जन आंदोलन बनाने में वैश्विक युवाओं की भूमिका पर चर्चा की और विचारों का आदान-प्रदान किया।
बैठक का उद्घाटन संयुक्त रूप से भारत के G20 शेरपा अमिताभ कांत और संयुक्त राष्ट्र भारत के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर शोम्बी शार्प ने किया। छात्रों को संबोधित करते हुए अमिताभ कांत ने मिशन लाइफ के माध्यम से क्लाइमेट एक्शन में अग्रणी भूमिका निभाने पर जोर दिया। उन्होंने “मॉडल जी20 बैठक” के लिए अंतरराष्ट्रीय छात्रों के एक साथ आने और जलवायु परिवर्तन से निपटने और उसमें युवाओं की भूमिका जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श करने की पहल का स्वागत किया।
बहुपक्षवाद के महत्व पर विचार करते हुए, शार्प ने कहा कि सामान्य समस्याओं को हल करने का एकमात्र तरीका सामान्य समाधानों के माध्यम से है – मतभेदों पर काबू पाना और एक साथ आना। उन्होंने कहा कि भारत अपनी जी20 अध्यक्षता के दौरान अन्य देशों को एक साथ लाने के लिए विशिष्ट रूप से तैयार था।
जानिए क्या है मिशन लाइफ?
ग्लासगो में 26वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP26) में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा LiFE का विचार पेश किया गया था। यह विचार एक पर्यावरण के प्रति जागरूक जीवन शैली को बढ़ावा देता है जो ‘नासमझ और बेकार खपत’ के बजाय ‘सचेत और जानबूझकर उपयोग’ पर केंद्रित है।
लाइफ मिशन का उद्देश्य सामूहिक कार्रवाई की शक्ति का उपयोग करना और दुनिया भर में लोगों को अपने दैनिक जीवन में सरल जलवायु-अनुकूल कार्य करने के लिए प्रेरित करना है। लाइफ मिशन अतिरिक्त रूप से, जलवायु के आसपास के सामाजिक मानदंडों को प्रभावित करने के लिए युवाओं और सामाजिक नेटवर्क की ताकत का लाभ उठाने का भी प्रयास करता है।
LiFE की योजना ‘प्रो-प्लैनेट पीपल’ (P3) नामक व्यक्तियों का एक वैश्विक नेटवर्क बनाने और पोषित करने की है, जिनकी पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली को अपनाने और बढ़ावा देने के लिए साझा प्रतिबद्धता होगी। P3 समुदाय के माध्यम से, LiFE एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने का प्रयास करता है जो पर्यावरण के अनुकूल व्यवहारों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सुदृढ़ और सक्षम करेगा।
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