Yamuna: दिल्ली सरकार ने भले ही 2025 तक यमुना नदी के पानी को बेहद साफ करने का वादा किया हो, लेकिन पर्यावरण विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 5 सालों के दौरान यानी 2017 के बाद नदी में प्रदूषण का स्तर बहुत अधिक बढ़ गया है।विभागीय रिपोर्ट के अनुसार बाहरी दिल्ली के पल्ला को छोड़कर राजधानी में प्रत्येक स्थान पर परीक्षण के लिए एकत्र पानी के नमूने में जैविक ऑक्सीजन मांग यानी बीओडी का सालाना औसत स्तर बेहद बढ़ गया है।बीओडी पानी की गुणवत्ता मापने का एक महत्वपूर्ण मानक माना जाता है। ऐसे में अगर इसका मानक 3 मिलीग्राम प्रति लीटर से कम हो तो उसे अच्छा स्तर का माना जाता है।

Yamuna: इन जगहों से लिए गए नमूने
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की ओर से पल्ला, वजीराबाद, आईएसबीटी पुल, आईटीओ पुल, निजामुद्दीन पुल, ओखला बैराज और असगरपुर में यमुना नदी के पानी के नमून एकत्र किए जाते हैं। यमुना नदी पल्ला से दिल्ली में प्रवेश करती है। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार पिछले 5 वर्षों के दौरान पल्ला में वार्षिक औसत बीओडी स्तर में खास परिवर्तन नहीं हुआ है। वहीं यही स्तर वजीराबाद पहुंचने पर करीब 3 मिलीग्राम प्रति लीटर से बढ़कर करीब 9 मिलीग्राम प्रति लीटर पहुंच गया है। आईएसबीटी पुल पर बीओडी का स्तर लगभग 30 मिलीग्राम प्रति लीटर से बढ़कर 50 मिलीग्राम प्रति लीटर और आईटीओ पुल पर 22 से 55 मिलीग्राम प्रति लीटर हो गया है।
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