Himalaya: पिछले कई वर्षों से पहाड़ों पर सैर-सपाटे के लिए बड़ी तादाद में सैलानी पहुंच रहे हैं, घूमने के बाद पहाड़ों पर कूड़े और कचरे के ढेर लग जाते हैं।जिसका असर पर्यावरण और यहां के इको सिस्टम पर पड़ता है।यही वजह है कि पिछले कुछ वर्षों से पहाड़ों में भी गंदगी और प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है।हिमायल की चोटियों को गंदगी से रोकने और प्रदूषण से बचाने के लिए सरकार ने कारगर कदम उठाया है।नियमानुसार अब पर्वतारोहण के लिए जाने वाले सैलानियों को वापस लौटने पर अपने साथ गंदगी भी लानी होगी।
ट्रैक पर जाने वाले लोगों को कूड़ा वापस लाने पर ही जमानम राशि वापिस मिलेगी। इस काम को देखने के लिए चोटियों के बेस कैंप पर वन विभाग की चौकियों स्थापित करने की तैयारी है।

Himalaya: नियम का सख्ती से हो पालन
जानकारी के अनुसार पिथौरागढ़ में भारत-चीन की सीमा तक सड़क पहुंचने के बाद धारचूला-मुनस्यारी क्षेत्र में एकाएक पर्यटकों की आवाजाही तेज हो गई है। इसी साल मानसून से पूर्व कैलाश तक करीब 3 हजार से अधिक लोग पहुंच चुके थे।आबादी बढ़ने और संसाधनों के इस्तेमाल से यहां गंदगी भी बढ़ी है। जिससे यहां के पर्यावरण को नुकसान पहुंचा है। ऐसे में यहां की लगातार खराब होती हालत को देखते हुए ही प्रशासन ने ये कदम उठाया है और पर्यटकों को सख्ती के साथ इन निर्देशों का पालन करने की बात कही है।
Himalaya: विदेशी और देसी पर्यटकों के लिए जमानत राशि तय
इसके लिए प्रशासन ने जमानत राशि भी तय कर दी है। मसलन विदेशी पर्यटकों के लिए 10 हजार रुपये और भारतीयों के लिए 5 हजार रुपये की राशि तय की गई है। इसके साथ वन विभाग को इन चोटियों के समीप चौकियां स्थापित करने के निर्देश भी दिए गए हैं।जहां पर्वतारोही या पर्यटक जमानत राशि को जमा कर सकेंगे। लेकिन यहां से वापसी के दौरान इन सभी पर्वतारोहियों को अपने साथ कूड़ा एकत्र करके लाना होगा।
Himalaya: वन क्षेत्राधिकारी जारी करेगा प्रमाण पत्र
पर्यटकों के लिए एडवाइजरी के साथ ही प्रमाण पत्र भी साथ लाना होगा।उक्त क्षेत्र का वन क्षेत्राधिकारी सैलानियों को कूड़ा निस्तारण की घोषणा और न सड़ने योग्य कूड़े की सुरक्षित वापसी का प्रमाण पत्र जारी करेगा।जिसे प्रशासन के समक्ष दिखाने के बाद ही जमानत राशि वापिस होगी। पर्यटक पिथौरागढ़ में नंदा देवीख् आदि कैलाश, पंचाचूली, हरदेवल, त्रिशूल आदि चोटियों पर जाना अधिक पसंद करते हैं।
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