Environment News: मानसून के कमजोर होने, जलावायु परिवर्तन और भूजल स्तर में तेजी से हो रही गिरावट बेहद चिंता का विषय है। इसका सीधा असर अब सरकारी योजनाओं पर भी दिख रहा है। केंद्र सरकार की ओर से जारी जल जीवन मिशन के महज 3 वर्षों के अंदर गांव-देहात के इलाकों में आधे से ज्यादा घरों तक पानी पहुंचाया। बावजूद इसके अभी तक मिशन पूरा नहीं हो सका है। इसका मुख्य कारण तेजी हो रहे भूजल में कमी होना है।अभी तक देश के 7 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में योजना शत-प्रतिशत पूरी हो चुकी है। जबकि बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड अभी पीछे चल रहे हैं।

Environment News: पंजाब, हरियाणा, गोवा और उत्तराखंड आगे
नल से जल केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी पायलट प्रोजेक्ट है। जिसका मकसद देश के कोने-कोने तक लोगों को नल के जरिये जल मुहैया कराना है। बात अगर पंजाब, हरियाणा, गोवा और उत्तराखंड की करें, तो ये राज्य इस प्रोजेक्ट की सफलता में सबसे आगे हैं। वहीं बिहार, झारखंड में परियोजना को वो आयाम नहीं मिल सके, जो अन्य राज्यों में हासिल किए। इस मिशन के तहत घरों से लेकर आंगनबाडि़यों और शैक्षिक संस्थानों में भी सुविधा शुरू कर दी गई है।यानी उन्हें भी इस योजना से जोड़ दिया गया है।
Environment News: कई राज्यों में प्रोजेक्ट धीमा होने की वजह
जिन राज्यों में ये प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ सका।इसके कई कारण हैं। इन राज्यों की भौगोलिक स्थिति ठीक नहीं, यानी भूजल स्तर का काफी नीचे होना है।लगातार प्रदूषण और गंदगी का फैला होना। कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि, नदियों और प्राकृतिक पेयजल स्तोत्रों का लुप्त होना, बारिश बेहद कम होना,जिससे पानी का स्तर और कम हो जाता है।
इस प्रोजेक्ट में यूपी की हालत सबसे खराब है।वह प्रोजेक्ट में आखिरी स्थान पर आता है। आलम ये है कि यूपी के देहाती इलाकों में अभी तक सिर्फ 39 लाख 8667 घरों तक ही पानी नल के माध्यम से पहुंच सका है।
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