Climate Change: क्लाईमेंट चेंज या जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए 9 देश एक मंच पर आए हैं। इसके अपतटीय पवन ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सीओपी-27 के दौरान 9 देशों ने पहल की है। इनमें बेल्जियम, कोलंबिया, जर्मनी, आयरलैंड, जापान, नीदरलैाड, नॉर्वे, यूके और अमेरिका ने एक नए ग्लोबल ऑफशोर विंड एलांयस में शामिल होने की घोषणा की है। इस गठबंधन की शुरुआत अंतरराष्ट्रीय रिन्यूएबल ऊर्जा एजेंसी और वैश्विक पवन ऊर्जा परिषद द्वारा की गई है।यह गठबंधन अपतटीय पवन ऊर्जा उत्पादन में तेजी लाने के सरकारों, निजी क्षेत्र और हितधारकों को एक साथ लाएगा।इसके लिए जीओडब्ल्यूए नामक ग्रुप में शामिल होने वाले देश राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और वैश्विक महत्वकांक्षाओं को आगे बढ़ाने और नए तरीकों के उत्पादन के लिए बाधाओं से मिलकर निपटने के लिए कार्य करने में सहमत हुए हैं।
Climate Change: वैश्विक तापमान बढ़ोतरी नियंत्रित करेंगे
वैश्विक तापमान बढ़ोतरी को 1.5 डिग्री तक सीमित करने और नेट जीरो लक्ष्य प्राप्त करने के लिए अपतटीय पवन क्षमता को 2050 से 2000 गीगावाट से अधिक करने की जरूरत होगी। जो आज केवल 60 गीगावाट से थोड़ी अधिक है। जीओडब्ल्यूए का लक्ष्य 2030 के अंत तक कम से कम 380 गीगावाट की कुल स्थापित क्षमता तक पहुंचने के लिए विकास में तेजी लाने में योगदान करना होगा।
Climate Change: बेल्जियम टाइडल एनर्जी में सबसे आगे
जानकारी के अनुसार इस समय टाइडल एनर्जी के इस्तेमाल में बेल्जियम सबसे आगे है। यही वजह है कि बेल्जियम के उत्तरी सागर में वर्ष 2040 तक एक हाइब्रिड ऊर्जा द्वीप और उत्तरी सागर के देशों के साथ नए इंटरकनेक्शन का निर्माण कर ऊर्जा संरक्षण को तेज कर रहा है। थोड़े ही समय में उत्तरी सागर एक बड़े सस्टेनेबल बिजली संयंत्र में बदल जाएगा। इसके लिए गैस और तेल की जगह ग्रीन हाइड्रोजन का इस्तेमाल सरलता के साथ किया जा सकेगा।
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